Market Summary in Four Charts: शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद , सेंसेक्स 98 अंक लुढ़का
कंपनियों के कमजोर वित्तीय परिणाम और नरम वैश्विक रूख से बंबई शेयर बाजार सेंसेक्स में आज लगातार छठे कारोबारी सत्र में गिरावट दर्ज की गई।
मुंबई: कंपनियों के कमजोर वित्तीय परिणाम और नरम वैश्विक रूख से बंबई शेयर बाजार सेंसेक्स में आज लगातार छठे कारोबारी सत्र में गिरावट दर्ज की गई। जून के बाद यह पहला मौका है जब इतने दिन तक लगातार बाजार में गिरावट आई है। शेयर ब्रोकरों के अनुसार एक निजी सर्वे में कहा गया है कि देश के विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि 22 महीने में सबसे कम रहकर अक्टूबर में 50.7 पर रही है। सितंबर में यह 51.2 अंक पर थी। इससे धारणा प्रभावित हुई। बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सूचकांक आज 97.68 अंक गिरकर बंद हुआ। पिछले छह कारोबारी सत्र में 911.66 अंक टूट चुका है।
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Share market as on november 2
विदेशी कोष का बहिर्प्रवाह जारी रहने तथा कुछ प्रमुख कंपनियों के वित्तीय परिणाम उम्मीद से कम रहने से बाजार में पिछले सोमवार से गिरावट जारी है। इसके अलावा चीन में अक्टूबर के विनिर्माण के आंकड़े से भी झटका लगा है। इससे दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता बढ़ी है। तीस शेयरों वाला सेंसेक्स कारोबार के दौरान 26,378.26 से 26,824.30 के दायरे में रहा। अंत में यह 97.68 अंक या 0.37 प्रतिशत की गिरावट के साथ 26,559.15 अंक पर बंद हुआ। एक अक्टूबर के बाद यह न्यूनतम स्तर है। जून में लगातार छह कारोबारी सत्रों में बंबई शेयर बाजार में गिरावट दर्ज की गई थी।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी एक समय 8,000 अंक से नीचे 7,995.60 अंक पर पहुंच गया था लेकिन बाद में थोड़ा सुधरा और अंत में 15 अंक की गिरावट के साथ 8,050.80 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में सर्वाधिक गिरावट बजाज आटो में दर्ज की गयी। कंपनी की अक्टूबर में बिक्री 8.59 प्रतिशत घटने की खबर से शेयर 4.85 प्रतिशत नीचे आ गया। जिन अन्य शेयरों में गिरावट दर्ज की गई, उसमें हिंडाल्को, टाटा स्टील, वेदांता लि., एचडीएफसी लि., सन फार्मा, सिप्ला तथा एल एंड टी शामिल हैं।
वहीं दूसरी तरफ मारुति सुजुकी, महिंद्रा एंड महिंद्रा, कोल इंडिया, रिलायंस इंडस्ट्रीज, आईसीआईसीआई बैंक तथा टाटा मोटर्स में तेजी दर्ज की गई। विदेशी बाजारों में एशियाई शेयर बाजारों में गिरावट दर्ज की गई जबकि शुरूआती कारोबार में यूरोपीय बाजारों में गिरावट का रूख देखा गया।