मुंबई। वैश्विक स्तर पर कमजोर रूख के बीच बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स सात सत्रों में पहली बार 112 अंक नीचे आया। अमेरिकी फेडरल रिजर्व की जून बैठक के ब्योरे समेत प्रमुख केंद्रीय बैंक की घोषणाओं से पहले बाजारों में आज बिकवाली का दबाव था। बंबई बाजार का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स आठ महीने के उच्च स्तर से आज नीचे आ गया। बहु-प्रचारित केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार का भी निवेशकों की धारणा पर असर नहीं पड़ा।
एक ताजा मासिक परचेज मैनेजर सूचकांक (पीएमआई) सर्वे में बताया गया है कि सेवा क्षेत्र की गतिविधियों का सूचकांक जून में घटकर 50.3 रहा जो मई में 51 था। यह सात महीनों में सबसे कम है और एक साल में दूसरा सबसे कम है। इसके अलावा अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपए के कमजोर होने से भी बाजार पर असर पड़ा। लगातार तेजी के बाद स्थानीय बाजार में निवेशकों की मुनाफावसूली से भी बाजार पर प्रभाव पड़ा। तीस शेयरों वाला सूचकांक 111.89 अंक (0.41 प्रतिशत) घटकर 27,166.87 अंक पर बंद हुआ। पिछले छह सत्रों में सेंसेक्स 881 अंक मजबूत हुआ था। पचास शेयरों पर आधारित नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी 34.75 अंक (0.42 प्रतिशत) की गिरावट के साथ 8,335.95 अंक पर बंद हुआ।
दिल्ली के एनएसई स्टाक ब्रोकर मनोज चोरडि़या ने कहा, बाजार में हाल की तेजी के बाद निवेशकों ने मुनाफावसूली की जिससे बाजार में बढ़त पर अंकुश लगा। सेंसेक्स के तीस शेयरों में 19 नुकसान में तथा 11 में तेजी रही। इसके अलावा, कल इद-उल-फितर के कारण शेयर बाजारों के बंद होने से भी निवेशकों ने अपने सौदे कम किये। इटली में बैंक उद्योग में संकट के कारण एशिया के अन्य बाजारों में कमजोर रूख रहा जिसका बाजार पर असर पड़ा।
गेल में सर्वाधिक 2.45 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी। पावर ग्रिड 2.36 प्रतिशत नीचे आया। जिन अन्य शेयरों में गिरावट दर्ज की गयी, उसमें भारती एयरटेल, हीरो मोटो कार्प, टाटा मोटर्स, एनटीपीसी, एशियन पेंट, बजाज आटो, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, इंफोसिस, ओएनजीसी, आईटीसी लि., महिंद्रा एंड महिंद्रा तथा टीसीएस शामिल हैं। वहीं दूसरी तरफ कोल इंडिया, एचडीएफसी, टाटा स्टील, विप्रो, एल एंड टी, आरआईएल तथा अडाणी पोर्ट्स लाभ में रहे।
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