नई दिल्ली। Sell in may and go away! शेयर बाजार की यह पुरानी कहावत मई के महीने में निवेशकों को बाजार में बिकवाली कर नकदी हाथ में रखने की सलाह देती है। साथ ही नवंबर का महीना शेयर बाजार में खरीदारी के लिए माकूल बताती है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इस कहावत ने शेयर बाजार में अपनी प्रासंगिकता खोई है। बीते दो वर्षों नें शेयर बाजार ने मई के महीने में जोरदार रिटर्न दिए हैं देखना यह होगा कि क्या इस बार बाजार तेजी की हैट्रिक लगाएगा?
बीते 15 वर्षों के आंकड़ों पर नजर डालें तो मई का महीना भारतीय शेयर बाजार के लिहाज से मिला-जूला ही रहा है। पिछले 15 वर्षों में 7 बार ऐसा हुआ है जब शेयर बाजार 3.3फीसदी से लेकर 15.8 फीसदी तक लुढ़के हैं जबकि 8 बार मई के महीने में शेयर बाजार ने तेजी दिखाई है। यह तेजी 1.3फीसदी से लेकर 28 फीसदी तक रही है।
कब कब रही तेजी
बीते साल मई के महीने में भारतीय शेयर बाजार 3.03 फीसदी चढ़कर बंद हुए जबकि 2014 में यह तेजी 8.03 फीसदी की रही थी। 2009 की मई में शेयर बाजार ने 28.26 फीसदी की रिकॉर्ड तेजी दिखाई थी।
कब आई गिरावट
वहीं शेयर बाजार में गिरावट की बात करें तो मई 2012 में शेयर बाजार तेजी गिरावट देखने को मिली थी। प्रमुख सूचकांक इस महीने में 6.35 फीसदी लुढ़क गए जबकि 2011में 3.31 और 2010 में 3.5 फीसदी गिरकर बंद हुए।
FIIs करते हैं भारी बिकवाली
शेयर बाजार में तेजी और गिरावट के प्रमुख सत्रधार विदेशी संस्थागत निवेशकों की बात करें बीते 14 वर्षों में से 9 बार मई के महीने में एफआईआई की ओर से बिकवाली देखने को मिली है। मई 2015 में विदेशी संस्थागत निवेशकों ने कुल5768 करोड़ रुपए की बिकवाली की थी। जबकि 2011 में6614 करोड़ और 2010 में 9436 करोड़ रुपए की बिकवाली की थी।
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