एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया की अभी नहीं सुधरेगी हालत, एक साल तक नहीं कर पाएगीं यह काम
देश के टेलीकॉम सेक्टर में गलाकाट प्रतिस्पर्धा के कारण इस क्षेत्र की दिग्गज कंपनियों जैसे एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया आदि की कमाई अभी तीन-चार तिमाही तक और खराब रहने का अनुमान है।
नई दिल्ली। देश के टेलीकॉम सेक्टर में गलाकाट प्रतिस्पर्धा के कारण इस क्षेत्र की दिग्गज कंपनियों जैसे एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया आदि की कमाई अभी तीन-चार तिमाही तक और खराब रहने का अनुमान है। टेलीकॉम कंपनियों के संगठन सेल्यूलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने यह आशंका जताई है। टेलीकॉम सेक्टर की कई बड़ी कंपनियां आने वाले सप्ताहों में जनवरी-मार्च तिमाही के वित्तीय परिणाम घोषित करने वाली हैं। टेलीकॉम इंडस्ट्री में जारी कड़ी प्रतिस्पर्धा से शुल्क कम हुआ है, जिससे उपभोक्ताओं को तो फायदा हुआ है लेकिन कंपनियों का मुनाफा प्रभावित हुआ है।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, 21 दिसंबर 2017 को समाप्त तिमाही में सालाना आधार पर टेलीकॉम कंपनियों का सकल राजस्व 8.1 प्रतिशत घटा है, जबकि सरकार को मिलने वाला लाइसेंस शुल्क 16 प्रतिशत कम हुआ है।
सीओएआई के महानिदेशक राजन मैथ्यूज ने कहा कि आने वाले महीनों में टेलीकॉम कंपनियों पर से दबाव कम होने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि कड़ी प्रतिस्पर्धा की वजह से यह निश्चित है कि कमाई अगली तीन-चार तिमाही तक प्रभावित बनी रहेगी। यह एक नई सामान्य स्थिति बनने जैसा है और मुझे नहीं लगता है कि यह अचानक से बदलने वाली है।
मैथ्यूज ने कहा कि टेलीकॉम कंपनियां दो तरह के दबाव का सामना कर रही हैं। पहला, भारी छूट की पेशकश करने के बाद दरों को बढ़ाना और दूसरा विभिन्न सेवाओं के मूल्य के आधार पर प्रतिस्पर्धी होने में तेजी आना। उन्होंने कहा कि अब कंपनियों को संवर्धित राजस्व पर ध्यान देना होगा और उम्मीद है कि टेलीकॉम कंपनियां इतनी समझदार होगीं कि वह इंटरनेट ऑफ थिंग्स एवं 5जी आदि के जरिये सामने आने वाले अवसरों को भी मूल्य के हिसाब से प्रतिस्पर्धी नहीं बनाएंगी।
कोटक सिक्यूरिटीज ने टेलीकॉम सेक्टर की कमाई पर अपनी ताजा समीक्षा में पूर्वानुमान व्यक्त किया था कि जनवरी में रिलायंस जियो का आक्रामक मूल्य निर्धारण, अंतरराष्ट्रीय टर्मिनेशन शुल्क में कमी का प्रभाव तथा प्रति यूजर औसत राजस्व पर जारी दबाव के कारण कंपनियों को एक और तिमाही में राजस्व में भारी गिरावट का सामना करना पड़ेगा। इसमें यह भी कहा गया है कि भारती एयरटेल को पिछले कई सालों में पहली बार नुकसान उठाना पड़ सकता है।