विजय माल्या की कंपनी पर सेबी का शिकंजा, यूबी ग्रुप और डियाजियो राडार पर
सिक्युरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने विजय माल्या की अगुवाई वाले यूबी ग्रुप से संबंधित कामकाज में अपनी जांच का दायरा बढ़ाया है।
नई दिल्ली। सिक्युरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने विजय माल्या की अगुवाई वाले यूबी ग्रुप से संबंधित कामकाज में अपनी जांच का दायरा बढ़ाया है। इस जांच में पहली नजर में इनसाइडर ट्रेडिंग और कॉर्पोरेट गवर्नेंस से संबंधित नियमों का पालन न करने का मामल सामने आया हैं। ये मामले यूबी ग्रुप के खुद के शेयरों के सौदों के अलावा ब्रिटेन की डियाजियो और अन्य विदेशी के साथ किए गए सौदों से जुड़े हैं। सेबी आगे देश के अन्य रेगुलेटर के साथ साथ विदेशी एजेंसियों से भी इनफार्मेशन जुटा सकता है।
माल्या के बाद कंपनियों पर मुसीबत
सेबी माल्या द्वारा किए गए जटिल सौदों को खोलना चाहता है। इन सौदों में हिस्सेदारी की बिक्री और ग्रुप की विभिन्न कंपनियों में अधिकारों के ट्रांसफर के मामले शामिल हैं। सभी संबंधित पक्षों से, जिसमें यूबी ग्रुप की मौजूदा और पूर्ववर्ती कंपनियां शामिल हैं, ब्योरा और स्पष्टीकरण मांगा गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इसके अलावा उन विदेशी कंपनियों से भी जानकारी मांगी गई है, जिनके साथ माल्या ने यूनाइटेड स्पिरिट्स की नियंत्रक हिस्सेदारी डियाजियो को बेचने के लिए लेनदेन किया था।
तस्वीरों में देखिए विजय माल्या की जिंदगी
Vijay Mallya
इनसाइडर ट्रेडिंग नियमों का पालन नहीं करने का आरोप
सूत्रों ने बताया कि सेबी ने पहली नजर में विभिन्न लेनदेन में नियमों का अनुपालन नहीं किए जाने का दोशी पाया है। इसके अलावा उसने उन अन्य एजेंसियों और रेगुलेटर के साथ भी सहयोग बढ़ाया है, जो यूबी ग्रुप की किंगफिशर एयरलाइंस द्वारा लिए गए भारी कर्ज में कथित उल्लंघनों की अलग से जांच कर रही हैं। माल्या के देश से निकालने के कुछ ही समय पहले यूनाइटेड स्पिरिट्स से बार निकलने के संबंध में डियाजियो के साथ किए गए 515 करोड़ रुपए के उदार करार कर की भी सेबी जांच कर रहा है। इसमें कंपनी संचालन और अन्य नियमों के उल्लंघन का संदेह है। उनके देश से बाहर जाने के बाद से एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है।
सेबी सभी की करेगी जांच
सेबी यूनाइटेड स्पिरिट और इसकी मुख्य प्रवर्तक डियाजियो पीएलसी और माल्या और उनके ग्रुप की उन कंपनियों की भूमिका की जांच कर रही है, जो शराब कंपनी यूनाइटेड स्पिरिट में इस समय शेयरधारक हैं या रह चुकी हैं। गंभीर संदेहों को देखते हुए इस जांच में कंपनी मामलों के मंत्रालय और अन्य एजेंसियों के भी जुड़ने की संभावना है। मंत्रालय के तहत काम करने वाला गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) पहले से की किंगफिशर पर धन की हेराफेरी और अन्य वित्तीय अनियमितताओं की जांच कर रहा है।