मुंबई। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने निवेशकों तथा रियल एस्टेट खिलाडि़यों को आकर्षित करने के लिए रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (रीट्स) को अधिक आकर्षक बनाने की तैयारी की है। सेबी ने इन ट्रस्टों को निर्माणाधीन प्रोजेक्ट्स में अधिक निवेश करने की अनुमति देने तथा बड़ी संख्या में प्रायोजकों के लिए नियमों में ढील देने का फैसला किया है।
सेबी के निदेशक मंडल की यहां हुई बैठक में रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट के विशेष इकाई (एसपीवी) ढांचे में निवेश पर अंकुश समाप्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। वहीं संबंधित पक्ष लेनदेन से संबंधित नियमों को भी उदार किया गया है। प्रस्तावित कदम से रीट्स को निर्माणाधीन परियोजनाओं में 20 फीसदी निवेश की अनुमति होगी। फिलहाल अधिकतम 10 फीसदी तक के निवेश की अनुमति थी।
साथ ही न्यूनतम सार्वजनिक हिस्सेदारी के प्रावधानों के अनुपालन के नियमों में भी ढील दी जाएगी। इसके अलावा ट्रस्टियों की सहायक इकाइयों के निवेश के मामले में भी ढील दी जाएगी। नियामक ने कहा कि बोर्ड ने रीट्स नियमनों में संशोधन के लिए परामर्श पत्र जारी करने को भी मंजूरी दी है। इस बारे में अंतिम नियम मसौदा पत्र पर सार्वजनिक टिप्पणियों को देखने के बाद तैयार किया जाएगा। सेबी ने रीट्स नियमनों को 2014 में अधिसूचित किया था। इसके तहत इस तरह के ट्रस्ट स्थापित करने और उनको सूचीबद्ध कराने की अनुमति दी थी। इस तरह के ट्रस्ट कुछ विकसित देशों में काफी लोकप्रिय हैं। हालांकि, अभी तक एक भी ट्रस्ट की स्थापना नहीं की जा सकी है, क्योंकि निवेशक कुछ और उपाय मसलन कर छूट आदि चाहते हैं, जिससे इन उत्पादों को अधिक आकर्षक बनाया जा सके।
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