नई दिल्ली। निवेशकों के धन के किसी संभावित दुरुपयोग को रोकने के लिए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) जल्द एक सिस्टम स्थापित करेगा। इससे शेयर ब्रोकरों की निगरानी बढ़ाई जा सकेगी। इसके अलावा नियामक चाहता है कि शेयर बाजार किसी संदिग्ध गतिविधि के बारे में सतर्क करने के लिए एक स्वचालित अलर्ट जारी करने वाली प्रणाली बनाएं।
निवेशकों के पैसों की निगरानी करेगा सेबी
शेयर बाजारों को ब्रोकरों के पास पड़ी ग्राहकों की संपत्ति की निरंतर आधार पर निगरानी करनी होगी और ब्रोकरों द्वारा इन संपत्तियों का दुरुपयोग रोकने के लिए अलर्ट जारी करना होगा। इसके अलावा शेयर बाजार ब्रोकरों के विभिन्न वित्तीय अनुपातों और संकेतकों की समीक्षा के जरिये शेयर ब्रोकर की वित्तीय मजबूती की निगरानी करेंगे। समिति में सेबी के अधिकारियों के अलावा शेयर बाजारों, डिपॉजिटरियों व शेयर ब्रोकरों के प्रतिनिधि शामिल हैं। समिति का गठन शेयर ब्रोकरों के पास ग्राहकों की संपत्ति के संरक्षण और निगरानी के लिए मौजूदा नियामकीय व्यवस्था को मजबूत करने के उपाय सुझाना है।
सैट ने की सेबी की खिंचाई
सैट ने सेबी की खिंचाई करते हुए बाजार नियामक के न्याय अधिकारियों के कुछ जुर्माना आदेशों को आंख मूंदकर समर्थन किये जाने के आचरण को गलत बताया है। मामले में फिर से सुनवाई करने के लिये उसे दोबारा सेबी के पास भेजते हुए सैट ने कहा कि उसे उम्मीद है कि न्याय अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि ताजा आदेश प्रतिभूति बाजार के हित में हो। न्यायाधिकरण के पीठासीन अधिकारी न्यायमूर्ति जे पी देवधर की अध्यक्षता में सैट की तीन सदस्यीय पीठ ने कृष्णा एंटरप्राइजेज तथा राजेश सर्विस सेंटर की अपीलों का निपटान कर दिया। इन मामलों में सेबी के न्याय अधिकारी ने नवंबर 2013 में फैसला सुनाया था।
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