नई दिल्ली: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कुर्क संपत्तियों की बिक्री तथा मूल्यांकन के लिए स्वतंत्र एजेंसी की नियुक्ति करने का फैसला किया है। डिफॉल्टरों से बकाया की वसूली के लिए नियामक ने यह कदम उठाया है। इससे उसे रिकवरी प्रक्रिया में मदद मिलेगी। संबंधित पक्षों से बोलियां आमंत्रित करते हुए सेबी ने कहा कि वह उन डिफॉल्टरों के खिलाफ प्रक्रिया शुरू कर रहा है, जो या तो निवेशकों का पैसा लौटाने में विफल रहे हैं या फिर जुर्माना शुल्क आदि अदा नहीं कर पाए हैं।
सेबी को सरकार से डिफॉल्टरों की संपत्ति कुर्क करने का अधिकार मिला है। वह ऐसे डिफॉल्टरों को उस संपत्ति की बिक्री, स्थानांतरित करने से भी रोक लगा सकता है। कुर्क संपत्तियों की बिक्री बकाए की वसूली के लिए की जानी आवश्यक है। ऐसे में सेबी ने एजेंसी की नियुक्ति का फैसला किया है, जो उसे संपत्ति का मूल्यांकन करने और संभावित खरीदारों को उसको बेचने में मदद करेगी।
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सेबी को इनविट के लिए चार आवेदन प्राप्त हुए, दो को मंजूरी
बाजार नियामक सेबी को आधारभूत संरचना निवेश ट्रस्ट (इनविट) के लिए चार आवेदन प्राप्त हुए थे, जिसमें से दो को मंजूरी दे दी गई। इससे देश को पहला इस तरह का निवेश न्यास मिलने का रास्ता साफ हो गया है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन यूके सिन्हा ने कहा, इनविट के तहत पंजीकरण के लिए हमें चार आवेदन मिले थे। हमने उनमें से दो को पहले ही मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा कि बाकी दो प्रस्तावों में कुछ कमियां थीं और सेबी ने आवेदकों को इसके बारे में सलाह दी है।
इस नए तरह के निवेश न्यास से आधारभूत संरचना और रियल एस्टेट परियोजनाओं के लिए कोष जुटाने में मदद मिलेगी। सेबी ने 11 मई को सार्वजनिक तौर पर इनविट लाने के लिए दिशानिर्देश जारी किए थे।
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