सेबी 4200 फर्मों की सूचीबद्धता समाप्त करेगा, गड़बड़ी करने वाले प्रवर्तकों को चेताया
बाजार नियामक सेबी की 4200 से अधिक उन सूचीबद्ध कंपनियों की सूचीबद्धता समाप्त करने की योजना है।
मुंबई। बाजार नियामक सेबी की 4200 से अधिक उन सूचीबद्ध कंपनियों की सूचीबद्धता समाप्त करने की योजना है, जिनके शेयरों में कोई कारोबार नहीं हो रहा। इसके जरिये निवेशकों को शेयर बेच कर निकलने का अवसर देने से इनकार करने वाले प्रवर्तकों के खिलाफ कड़ी दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन यूके सिन्हा ने कहा कि उक्त कंपनियों में बीएसई व एनएसई में सूचीबद्ध 1200 से भी अधिक कंपनियां भी शामिल हैं, जिनके शेयरों में कारोबार विभिन्न अनुपालनों के उल्लंघन के कारण सात साल से भी अधिक समय से निलंबित है। इसके अलावा विभिन्न क्षेत्रीय स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध 3,000 से अधिक कंपनियां भी हैं जो बंद हैं।
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इसके साथ ही सिन्हा ने सूचीबद्ध कंपनियों के वित्तीय खातों में कमियों पर अपनी आंखें मूंदने वाले ऑडिटरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है। सिन्हा ने कहा, अब तक हमने ऑडिटरों को लेकर दूर रहो की नीति अपनाई है लेकिन अगर कुछ गंभीर हमारे सामने आता है तो हम कार्रवाई करेंगे। ऑडिटर अगर कमियों पर उंगली उठाए बिना ही सालों से खातों को प्रमाणित कर रहे हैं तो वे निरापद नहीं रह सकते।
सेबी प्रमुख ने कहा कि 4200 से अधिक सूचीबद्ध कंपनियों को लेकर काम इसी साल पूरा कर लिया जाएगा। भविष्य में भी बाजार को साफ स्वच्छ करने के लिए इस तरह की कार्रवाई की जाएगी। यहां एक संवाद में सिन्हा ने कहा कि इन कंपनियों की सूचीबद्धता समाप्त करना नियामक के लिए मौजूदा वित्त वर्ष में एक महत्वपूर्ण काम है, जिस पर वह ध्यान देगा। उन्होंने कहा, हम सूचीबद्ध कंपनियों की संख्या घटाने जा रहे हैं। हमने कुछ बंद पड़े या काम नहीं कर रहे क्षेत्रीय एक्सचेंजों को बंद कर स्टॉक एक्सचेंजों की संख्या घटाई है। वे जोखिम के केंद्र थे अनेक मुकदमे चल रहे थे लेकिन हमने सभी में जीत हासिल की। सिन्हा ने कहा, अब हमारा लक्ष्य सूचीबद्ध कंपनियों की संख्या कम करना है, जिनमें कारोबार बहुत कम है या नहीं है।
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