नियामक का यह फैसला पी-नोट्स के लिए नियामकीय ढांचे को मजबूत बनाने के प्रयासों का हिस्सा है। पी-नोट्स को कालेधन को विदेशों से घुमाफिराकर देश में निवेश करने के साधन के तौर पर देखा जाता है। लंबे समय से यह माना जाता रहा है कि इसका कालेधन के मामले में दुरुपयोग किया जाता है। ऐसा नहीं है कि प्रवासी भारतीयों और निवासी निवेशकों के लिए पी-नोट्स में निवेश से रोकने के बारे में निर्देश नहीं हैं। बार-बार पूछे जाने वाले सवालों के रूप में यह निर्देश पहले से हैं लेकिन सेबी निदेशक मंडल ने अब नियमनों में इसके नए प्रावधानों को मंजूरी दे दी है। ऐसा माना जाता रहा है कि वर्तमान में ये प्रतिबंध केवल आमतौर पर पूछे जाने वाले सवालों के तौर पर ही हैं इसलिए वित्त मंत्रालय ने नियामक से अंकुश नियमों में संशोधन के जरिए लागू करने को कहा है।
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