नई दिल्ली। ब्लैकमनी और टैक्स चोरी के खिलाफ बड़ा कदम उठाते हुए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) 15 जनवरी को अपनी बोर्ड मीटिंग में लांग टर्म कैपिटल गेंस (एलटीसीजी) और शेयर मूल्यों में हेराफेरी करने वाली 32,000 कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्णय लेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा के बाद सेबी की यह पहली बैठक है।
- सूत्रों का कहना है कि सेबी बोर्ड इस मुद्दे पर कार्रवाई की रूपरेखा तैयार करेगा।
- तकरीबन 32,000 कंपनियां सेबी और टैक्स डिपार्टमेंट की नजरों में हैं, जो टैक्स चोरी करने के लिए लांग टर्म कैपिटल गेंस और शॉर्ट टर्म कैपिटल लॉस का गलत इस्तेमाल कर रही हैं।
- सेबी का मानना है कि हजारों की संख्या में इकाइयां टैक्स बचाने के लिए प्रतिभूति कानून का उल्लंघन कर रही हैं।
- ऐसे में सेबी ने उन सभी सूचीबद्ध कंपनियों, उनके निदेशकों आदि के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की है, जो शेयर मूल्यों में हेरफेर कर रही हैं।
- इसके अलावा नियामक लाभार्थियों तथा इस तरह के व्यापार में सहयोग देने वालों का पूरा ब्योरा आगे और कार्रवाई के लिए इनकम टैक्स विभाग से साझा करेगा।
- सूत्रों ने बताया कि इस बारे में एक प्रस्ताव सेबी के बोर्ड के समक्ष इसी सप्ताह रखा जाएगा। इसके बाद उन कंपनियों के शेयरों का विश्लेषण किया जाएगा जिनके बारे में टैक्स विभाग से जानकारी मिली है।
- सूत्रों ने कहा कि विश्लेषण से पता चलता है कि विभिन्न श्रेणियों में करीब 32,000 कंपनियों की पहचान आगे की जांच के लिए की गई है।
- ऐसे मामले जिनमें सेबी मूल्य में हेरफेर के आरोप को स्थापित नहीं कर पाएगा, उनमें नियामक टैक्स विभाग से अतिरिक्त प्रमाण देने को कहेगा।
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