नई दिल्ली। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने पूंजी बाजार नियमों के गंभीर उल्लंघन वाले मामलों में निपटान की प्रक्रिया को चुस्त दुरस्त बनाते हुए इस बारे में स्थिति को और स्पष्ट किया है। बाजार नियामक नियमों के उल्लंघन के उन मामलों में निपटान की पेशकश करता है जहां अभियोजन शुरू किया जाना है। जिन मामलों में अभियोजन कार्रवाई शुरू हो चुकी है उनका समाधान सम्बद्ध अदालत ही करेगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नियामक ने निपटान योग्य मामलों में स्थिति अधिक स्पष्ट करने के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं। इसके साथ ही समाधेय मामलों में तेजी लाने के लिए भी नियमों में बदलाव किया गया है जैसा कि विशेष सेबी अदालत ने सुझाया था।
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उल्लेखनीय है कि सेबी द्वारा दाखिल अनेक अभियोजन मामले मुंबई में विशेष अदालत में लंबित हैं और कई आरोपी उक्त मामलों के निपटान को तैयार हैं। अदालत ने सेबी से कहा था कि वह समाधेय मामलों में मंजूरी में तेजी लाने तथा तीव्र जुर्माना वसूली सुनिश्चित करने के लिए वैकल्पिक प्रणाली अपनाए।
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म्युच्युअल फंड एजेंटों ने किया कमीशन खुलासे का विरोध
म्युच्युअल फंड द्वारा वितरकों को दिए जाने वाले कमीशन के अनिवार्य खुलासे संबंधी नियम का विरोध करते हुए इस तरह के वित्तीय उत्पाद बेचने वाले एजेंटों ने बाजार नियामक सेबी से उक्त दिशा निर्देश रद्द करने का आग्रह किया है। इन एजेंटों का कहना है कि इस तरह के नियम इस उद्योग की वृद्धि पर प्रतिकूल असर डालेंगे। सेबी ने म्युच्युअल फंड कंपनियों से कहा है कि अपने वितरकों को दिए जाने वाले कमीशन की जानकारी निवेशकों को दें। इस कमीशन में उपहार, यात्रा व प्रायोजन के रूप में दिया जाने वाला भुगतान शामिल है। फाइनेंसियल इंटरमीडियरीज एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफआईएआई) सहित अनेक म्युच्युअल फंड वितरक संगठनों का कहना है कि कमीशन खुलासा संबंधी परिपत्र गैर उत्पादक साबित होगा और इसे वापस लिया जाना चाहिए।
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