नई दिल्ली। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने सूचीबद्ध कंपनियों की मूल्य की दृष्टि से संवेदनशील सूचनाओं के लीक मामले में बड़ी कार्रवाई की है। नियामक ने आज 30 से अधिक बाजार विश्लेषकों और डीलरों के परिसरों पर छापेमारी कर दस्तावेज, कंप्यूटर, मोबाइल और लैपटॉप जब्त किए। सेबी ने यह छापेमारी कुछ बड़ी कंपनियों सहित सूचीबद्ध कंपनियों की ऐसी सूचनाएं सामने आने के बाद की है जो सार्वजनिक नहीं हैं।
ये सूचनाएं व्हॉट्सएप संदेशों तथा सोशल मीडिया चैटरूम के जरिये लीक की जा रही हैं। मामले से जुड़े एक सूत्र ने कहा कि सेबी ने आज प्रमुख शहरों में ‘छापेमारी और जब्ती’ की कार्रवाई की। छापेमारी की यह कार्रवाई प्रतिभूति बाजार के 30 से अधिक बाजार विश्लेषकों तथा डीलरों पर की गई है। सूत्र ने बताया कि छापेमारी के दौरान रजिस्टर, दस्तावेज, कंप्यूटर, मोबाइल फोन, लैपटॉप आदि जब्त किए गए।
इस कार्रवाई में सेबी के 70 अधिकारी तथा राज्यों के पुलिस विभाग शामिल रहे। छापेमारी और जब्ती का अधिकार मिलने के बाद से यह सेबी की सबसे बड़ी कार्रवाई है। हाल में इस तरह के मामले सामने आए थे कि शेयर बाजारों में सूचीबद्ध प्रमुख कंपनियों की मूल्य संवेदनशील सूचनाएं इनकी सार्वजनिक घोषणा से पहले ही व्हॉट्सएप ग्रुप पर साझा की जा रही हैं। सेबी के चेयरमैन अजय त्यागी ने हाल में कहा था कि नियामक इस मामले की जांच कर रहा है।
एक बाजार विशेषज्ञ का कहना है कि दुनियाभर में यह प्रतिभूति बाजार नियामक द्वारा की गई इस तरह की पहली कार्रवाई है। अभी तक कोई प्रतिभूति बाजार नियामक व्हॉट्सएप ग्रुप पर भेजे जा रहे इस तरह के संदेशों पर अंकुश नहीं लगा सके हैं।
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