नयी दिल्ली। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कुछ साल पहले भ्रामक जानकारी देकर एटी-1 बांड बेचने के मामले में यस बैंक पर 25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। इसके अलावा नियामक ने उस समय यस बैंक की निजी संपदा प्रबंधन टीम के प्रमुख रहे विवेक कंवर पर भी एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। आशीष नासा और जसजीत सिंह बंगा पर 50-50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इस उल्लंघन के समय ये बैंक की निजी संपदा प्रबंधन टीम का हिस्सा थे।
पढ़ें- Aadhaar के बिना हो जाएंगे ये काम, सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर जरूरत को किया खत्म
पढ़ें- बैंक के OTP के नाम हो रहा है फ्रॉड, खाली हो सकता है अकाउंट, ऐसे रहे सावधान
सेबी के आदेश में कहा गया है कि इन लोगों को यह जर्माना 45 दिन में अदा करना होगा। इस बीच, यस बैंक ने देर शाम शेयर बाजार को भेजी सूचना में कहा कि वह इस फैसले को प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) में चुनौती देगा। यस बैंक निदेशक मंडल का 2020 में पुनर्गठन किया गया और बैंक में नयी पूंजी डाली गई। बैंक ने दिसंबर, 2013, दिसंबर, 2016 और अक्टूबर, 2017 में डिबेंचर की प्रकृति के बांड जारी किए थे।
पढ़ें- SBI में सिर्फ आधार की मदद से घर बैठे खोलें अकाउंट, ये रहा पूरा प्रोसेस
पढ़ें- Amazon के नए 'लोगो' में दिखाई दी हिटलर की झलक, हुई फजीहत तो किया बदलाव
बैंक का कहना है कि नकदी संकट से जूझ रहे बैंक की पुनरूत्थान योजना के हिस्से के तौर पर 2016 और 2017 में जारी किये गये एटी-1 बॉंड को उनके मूल्य के अनुरूप समायोजित कर लिया गया। नियामक ने कहा कि यस बैंक लि. और कुछ अधिकारियों ने ‘भोलेभाले’ ग्राहकों में एटी-1 (एडिशनल टियर-1) बांड को डंप करने के लिए ‘गोलमोल भटकाने’ वाली योजना बनाई। सेबी ने कहा कि एटी-1 बांड की बिक्री के दौरान व्यक्तिगत निवेशकों को इन बांडों की खरीद से जुड़े जोखिमों के बारे में सूचित नहीं किया गया।
Latest Business News