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Hindi News पैसा बिज़नेस सेबी का 14,000 करोड़ रुपए के रिफंड का नया आदेश है दोहरे भुगतान के समान, सहारा ने बताया इसे अनैतिक

सेबी का 14,000 करोड़ रुपए के रिफंड का नया आदेश है दोहरे भुगतान के समान, सहारा ने बताया इसे अनैतिक

सहारा समूह ने निवेशकों की 14,000 करोड़ रुपए की राशि वापस करने के बारे में बाजार विनियामक सेबी के नए आदेश पर कहा कि ऐसा करना दोहरा भुगतान करने जैसा होगा

subrot roy sahara- India TV Paisa Image Source : SUBROT ROY SAHARA subrot roy sahara

नई दिल्ली। मुश्किलों का सामना कर रहे सहारा समूह ने निवेशकों की 14,000 करोड़ रुपए की राशि वापस करने के बारे में बाजार विनियामक सेबी के नए आदेश पर कहा कि ऐसा करना दोहरा भुगतान करने जैसा होगा, क्योंकि 17 करोड़ रुपए को छोड़कर निवेशकों का पूरा भुगतान किया जा चुका है। 

सहारा इंडिया कॉमर्शियल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एसआईसीसीएल) और सुब्रत रॉय सहित कई लोगों के खिलाफ बाजार नियामक केंद्रीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के आदेश पर विस्तृत प्रतिक्रिया देते हुए सहारा समूह ने कहा है कि यह नैसर्गिक न्याय के विरुद्ध है और वह उचित मंच पर इस मुद्दे को उठाएगा। 

सहारा समूह की दो अन्य कंपनियों के खिलाफ निवेशकों की 24,000 करोड़ से अधिक की राशि लौटाने के 2011 के आदेश को लेकर सेबी के साथ उसकी लंबे समय से कानूनी लड़ाई चल रही है। सेबी ने उस आदेश में समूह की कंपनी सहारा इंडिया रीयल एस्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एसआईआरईसीएल) और सहारा हाउसिंग इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एसएचआईसीएल) को निवेशकों का धन लौटाने का आदेश दिया था। 

सहारा समूह उस मामले में उच्चतम न्यायालय की निगरानी में कायम व्यवस्था के तहत विशेष सेबी-सहारा खाते में उस राशि का एक बड़ा हिस्सा पहले ही जमा करा चुका है ताकि उससे निवेशकों का पैसा लौटाया जा सके। सहारा समूह का कहना है कि वह पहले ही 98 प्रतिशत राशि सीधे निवेशकों को लौटा चुका है। 

अंतिम जानकारी के मुताबिक सेबी निवेशकों के ब्योरे की पुष्टि के बाद उनको अब तक 100 करोड़ रुपए लौटा चुका है। अब एसआईसीसीएल के मामले में भी सहारा का कहना है कि सेबी का आदेश धन को दोबारा भुगतान करने की तरह का मामला हो जाएगा। यह मामला एसआईसीसीएल द्वारा 1998- 2009 के दौरान करीब दो करोड़ निवेशकों से 14,106 करोड़ रुपए जुटाए जाने का है। इसमें कहा गया है कि यह राशि एक करोड़ 98 लाख 39 हजार 939 निवेशकों से जुटाई गई थी। 

समूह ने कहा है कि एसआईसीसीएल ने ओएफसीडी से संबंधित अपनी सभी देनदारियों का भुगतान कर दिया है और अब 54,804 सदस्यों की ओएफसीडी देनदारी के तौर पर मात्र 17 करोड़ रुपए की देनदारी बकाया है। भुगतान किए गए ब्याज का टीडीएस आयकर विभाग में जमा किया जा चुका है। अतएव सेबी के इस आदेश के द्वारा उस देनदारी का दुबारा भुगतान (दोहरी देनदारी) का मामला बनता है, जिसे एसआईसीसीएल ने पहले ही भुगतान कर दिया है।

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