A
Hindi News पैसा बिज़नेस सेबी ने कॉरपोरेट गवर्नेंस पर कोटक समिति की सिफारिशों को आंशिकरूप से किया स्‍वीकार, चेयरमैन और एमडी के पद होंगे अलग-अलग

सेबी ने कॉरपोरेट गवर्नेंस पर कोटक समिति की सिफारिशों को आंशिकरूप से किया स्‍वीकार, चेयरमैन और एमडी के पद होंगे अलग-अलग

mukesh ambani- India TV Paisa mukesh ambani

नई दिल्‍ली। बाजार नियामक सेबी ने भारत में कंपनियों के कामकाज के संचालन (कॉरपोरेट गवर्नेंस) पर उदय कोटक समिति की सिफारिशों को आंशिकरूप से स्‍वीकार कर लिया है। इसके तहत अप्रैल, 2020 से भारत की शीर्ष-500 कंपनियों में चेयरमैन और एमडी के पद को अलग-अलग किया जाएगा। अभी तक यह पद एक ही व्‍यक्ति द्वारा संभाला जाता है।

सेबी के इस फैसले से मुकेश अंबानी(रिलायंस इंडस्‍ट्रीज), अजीम प्रेमजी (विप्रो), वेणु श्रीनिवासन (टीवीएस मोटर्स), सज्‍जन जिंदल (जेएसडब्‍लयू), वेणुगोपाल धूत (वीडियोकॉन), किशोर बियाणी (फ्यूचर रिटेल) और गौतम अडाणी (अडाणी पोर्ट) सहित कई अन्‍य लोगों को अपने पद में कटौती करनी होगी। अभी ये लोग चेयरमैन और प्रबंध निदेशक या सीईओ की भूमिका एक साथ निभा रहे हैं।  

सेबी ने इसके साथ ही म्यूचुअल फंड योजनाओं पर लिए जाने वाले अतिरिक्त खर्च को भी घटा दिया है। सेबी निदेशक मंडल की आज यहां हुई बैठक में कई अन्य प्रस्तावों को भी हरी झंडी दी गई है। शेयर बाजारों को साझा को-लोकेशन (सौदों में तरजीह) सुविधा शुरू करने की अनुमति दे दी गई है। साथ ही इक्विटी डेरिवेटिव बाजार को मजबूत करने और अधिग्रहण नियमनों में संशोधन को भी मंजूरी दी गई है।

अभी म्यूचुअल फंड कंपनियों को अपनी योजनाओं की दैनिक शुद्ध संपत्तियों पर 0.2 प्रतिशत का अतिरिक्त खर्च वसूलने की अनुमति है। यह अतिरिक्त खर्च म्यूचुअल फंड कंपनियां योजना से बाहर निकलने की सुविधा के एवज में वसूलती हैं। नियामक ने बयान में कहा कि आंकड़ों तथा म्यूचुअल फंड सलाहकार समिति की सिफारिशों के आधार पर बोर्ड ने अधिकतम अतिरिक्त खर्च को किसी योजना के लिए घटाकर 0.05 प्रतिशत अंक कर दिया है। 

उदय कोटक समिति ने जो सिफारिशें की हैं उनमें से 40 को नियामक ने बिना किसी संशोधन के स्वीकार कर लिया है। इनमें एक अप्रैल, 2020 से किसी सूचीबद्ध कंपनी में निदेशकों की संख्या को अधिकतम सात तक सीमित करने का सुझाव भी शामिल है। निदेशक मंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में सेबी के चेयरमैन अजय त्यागी ने कहा कि सेबी ने आंशिक तौर पर कोटक समिति की सिफारिशों को स्वीकार करने का फैसला किया है। करीब 80 सिफारिशों में से 18 को नियामक स्वीकार नहीं कर रहा है। इसके अलावा नियामक की योजना अधिग्रहण नियमनों में बदलाव करने और खुली पेशकश का मूल्य बढ़ाने को इकाइयों को अतिरिक्त समय देने की भी है। 

Latest Business News