लिस्टिंग के समय को घटाकर चार दिन कर सकता है सेबी, सोशल मीडिया पर कंपनियों की जानकारी लीक की होगी जांच
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) की समूची प्रक्रिया को सुगम और तेज बनाने की योजना बना रहा है।
मुंबई। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) की समूची प्रक्रिया को सुगम और तेज बनाने की योजना बना रहा है। इसके तहत नियामक का इरादा लिस्टिंग के समय को छह से घटाकर चार दिन करने का है। सेबी ने पहले की बोली बंद होने के बाद सूचीबद्धता के समय को सात से घटाकर छह दिन कर दिया है। इससे भी निवेशकों का पैसा ब्लॉक हो रहा था क्योंकि इन दिनों के दौरान उनका शेयर खरीद का पैसा फंसा रहता है।
इससे पहले नियामक ने जारीकर्ता को निवेशक के पूरे पैसे को डीमैट खाते में ब्लॉक करने के व्यवहार को बदलते हुए सिर्फ एबीएसए सुविधा के जरिये इसे ब्लॉक करने की अनुमति दी। इससे आईपीओ प्रक्रिया पूरी होने तक तीसरे पक्ष के खाते में निवेशक के धन को ब्लॉक करने से रोकने में मदद मिली।
सेबी के चेयरमैन अजय त्यागी ने कहा कि प्रक्रियाओं को और सरल बनाने का प्रयास किया जा रहा है। हम आईपीओ की सूचीबद्धता के समय को कम करने पर ध्यान दे रहे हैं जिससे प्राथमिक बाजार को और प्रभावी बनाया जा सके। हम आईपीओ के बाद किसी कंपनी के एक्सचेंज में सूचीबद्धता के समय को छह से घटाकर चार दिन पर लाना चाहते हैं।
सोशल मीडिया के जरिये कंपनियों से जुड़ी जानकारी लीक करने की होगी जांच
सोशल मीडिया समूहों के बीच सूचीबद्ध कंपनियों से जुड़ी महत्वपूर्ण वित्तीय जानकारी लीक किए जाने संबंधी शिकायतों को लेकर पूंजी बाजार नियामक सेबी काफी गंभीर है और वह मामले पर गौर कर रहा है। सेबी के पास ऐसी शिकायतें पहुंची हैं कि कंपनियों की तरफ से आधिकारिक तौर पर जानकारी को सार्वजनिक किए जाने से पहले ही कुछ सोशल मीडिया समूहों के बीच महत्वपूर्ण जानकारी सार्वजनिक कर दी जाती हैं।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन अजय त्यागी ने आज इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि नियामक के संज्ञान में इस तरह की बातें आई हैं। नियामक को पता चला है कि कई प्रमुख कंपनियों के शेयर मूल्यों को प्रभावित करने वाली संवेदनशील जानकारी को आधिकारिक तौर पर सार्वजनिक किए जाने से पहले ही कुछ समूहों के बीच पहुंचा दिया जाता है।
त्यागी ने कहा कि इस तरह के (व्हट्सएप लीक्स) मामलों को काफी गंभीरता से ले रहे हैं। इस तरह की संवेदनशील वित्तीय जानकारी को किस प्रकार उनकी औपचारिक घोषणा से कुछ समय पहले बाहर पहुंचा दिया जाता है, इस मुद्दे पर हम चुपचाप बैठने वाले नहीं हैं। सेबी और शेयर बाजार दो दर्जन से ज्यादा कंपनी शेयरों में किए गए सौदों की जांच कर रहे हैं। यह जांच कथित तौर पर अहम वित्तीय जानकारी को लीक करने के मामले से जुड़ी है। ये जानकारी समझा जाता है कि व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिये लीक की जाती है। नियामक ने इस संबंध में सबंधित व्यक्तियों की कॉल रिकार्ड की भी जानकारी मांगी है।