नई दिल्ली। प्रमुख शेयर बाजार बंबई स्टॉक एक्सचेंज (BSE) को अपनी बहुप्रतीक्षित आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) के लिए बाजार नियामक सेबी की सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है और उसने कहा है कि उसका निर्गम अगले 6-9 महीने में आ सकता है।
एक्सचेंज के प्रवक्ता ने कहा, मौजूदा समयावधि 6-9 महीने रहने की संभावना है। बीएसई ने इस प्रक्रिया के लिए मर्चेंट बैंकर की नियुक्ति पहले ही कर दी है। इसके साथ ही प्रवक्ता ने कहा कि एक्सचेंज की सेबी के सभी नियमों के पालन की योजना है और नियामक के नियमों के अनुसार वह अन्य एक्सचेंज में सूचीबद्धता पर विचार करेगा। बीएसई ने एडलवाइस फाइनेंशियल सर्विसेज को लीड मर्चेंट बैंकर नियुक्त किया है।
सूचीबद्ध कंपनियों को ऑडिट रिपोर्ट की देनी होगी अलग से जानकारी
निवेशकों को सूचनाएं समय पर मिलें यह सुनिश्चित करने के लिए बाजार नियामक सेबी ऑडिट रिपोर्ट में ऑडिटरों की ओर से की गई टिप्पणियों की जानकारी सार्वजनिक करने के नियमों में बदलाव करेगा। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की बैठक में उक्त बदलावों को मंजूरी दी गई। इसके तहत ऑडिटरों द्वारा अपनी रिपोर्ट में की गई टिप्पणियों या लगाई गई शर्तों के संबंध में कंपनियों के लिए खुलासा नियमों में बदलाव किया जाएगा ताकि निवेशकों को सम्बद्ध सूचना समय पर मिलना सुनिश्चित हो सके।
अब सूचीबद्ध कंपनियों को संबंधित वित्तीय मदों पर ऑडिट टिप्पणियों के संचयी असर का खुलासा एक अगल फॉर्म में करना होगा। यह फॉर्म स्टेटमेंट ऑन इंपैक्ट ऑफ ऑडिट क्वालिफिकेशंस होगा। सेबी ने एक बयान में कहा कि नई प्रणाली मार्च 2016 को समाप्त वित्त वर्ष से लागू होगी। इसके साथ ही यह पूर्व के वित्त वर्षों के लिए भी लागू होगी।
Latest Business News