नई दिल्ली। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने संकटग्रस्त संपत्तियों के अधिग्रहण संबंधी नियमों को और आसान बना दिया है। सेबी ने यह कदम सरकार और आरबीआई द्वारा बैंकों की गैर-निष्पादित संपत्तियों (एनपीए) से निपटने के प्रयासों में मदद करने के लिहाज से उठाया है।
बुधवार को सेबी बोर्ड बैठक के बाद चेयरमैन अजय त्यागी ने बताया कि नियामक ने शेयर बाजारों में लिस्टेड कंपनियों की संकटग्रस्त संपत्तियों के अधिग्रहण से जुड़े नियमों को आसान बनाने का फैसला किया है। इसके अलावा बोर्ड ने पार्टिसिपेटरी नोट्स (पी-नोट्स) से जुड़े नियमों को और कठोर बनाने का भी फैसला किया है। सेबी ने बताया कि पी-नोट जारी करने वाले से अब शुल्क वसूला जाएगा। हालांकि त्यागी ने कहा कि इस पर पूर्ण प्रतिबंध का अभी कोई विचार नहीं है।
सेबी एनएसई से संबद्ध किसी खास जगह स्थापित कारोबारियों के सर्वर को सूचना में प्राथमिकता के मामले की जांच के लिए फॉरेंसिक ऑडिटरों की सेवा लेने का भी निर्णय लिया है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या कारोबारियों ने शेयर बाजार के अधिकारियों के साथ मिलकर अनुचित लाभ कमाया। इसके अतिरिक्त सेबी ने रियल एस्टेट, पीई फंड्स के लिए आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) के दौरान लॉक-इन की अनिवार्यता में भी ढील देने का फैसला किया है।
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