नयी दिल्ली। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने स्वैच्छिक रूप से सूचीबद्धता समाप्त करने(डीलिस्टिंग) के नियमों को और स्पष्ट किया है।
नियामक ने कहा है कि कोई भी कंपनी स्वैच्छिक रूप से अपने शेयरों को शेयर बाजारों से हटाने के लिए तब तक आवेदन नहीं कर सकती जब तक कि कंपनी का शेयर किसी मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज में कम से कम तीन साल से सूचीबद्ध नहीं हो।
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इसके अलावा कोई भी स्टॉक एक्सचेंज तीन साल की सूचीबद्धता अवधि से पहले किसी कंपनी को अपने शेयर स्वैच्छिक रूप से हटाने की अनुमति नहीं दे सकता।
- सेबी ने फाइबर प्लस इंडस्ट्रीज द्वारा दायर आवेदन पर स्थिति स्पष्ट की।
- कंपनी ने स्वैच्छिक रूप से सूचीबद्धता समाप्त करने के बारे में अनौपचारिक दिशानिर्देशन जानना चाहा था।
- कंपनी का शेयर दिल्ली स्टाक एक्सचेंज में 15 साल से अधिक से सूचीबद्ध था।
- 2014 में दिल्ली स्टाक एक्सचेंज की मान्यता समाप्त होने के बाद यह फरवरी, 2015 में मेट्रोपालिटन स्टाक एक्सचेंज में सूचीबद्ध हो गया था।
- नियामक ने कहा कि फाइबर प्लस के शेयर स्वैच्छिक रूप से सूचीबद्धता समाप्त करने के प्रावधानाें को पूरा करते हैं।
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