नई दिल्ली। पूंजी बाजार नियामक Sebi के प्रमुख अजय त्यागी ने सूचीबद्ध कंपनियों में संचालन व्यवस्था में और सुधार लाने पर जोर देते हुये कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की 20 प्रतिशत कंपनियों में अभी भी एक भी महिला निदेशक नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि कई मामलों में तो स्वतंत्र निदेशकों की पहले नियुक्ति की गई और उसके बाद कंपनियों के प्रवर्तकों की पसंद और मर्जी के मुताबिक उन्हें हटा भी दिया गया। त्यागी ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की 20 प्रतिशत कंपनियों में अभी तक एक भी महिला निदेशक नहीं है।
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नियमों के तहत शेयर बाजारों में सूचीबद्ध कंपनियों के निदेशक मंडल में कम से कम एक महिला निदेशक होना चाहिए। Sebi प्रमुख ने कहा कि सूचीबद्ध कंपनियों में बात जब स्वतंत्र निदेशकों के कामकाज और उनकी नियुक्ति तथा ऑडिट समितियों की आती है तो इस मामले में काफी कुछ सुधार करने की जरूरत है।
Sebi प्रमुख ने यहां स्कोप द्वारा सार्वजनिक उपक्रमों के सीईओ और वरिष्ठ कार्यकारियों के साथ आयोजित एक परिचर्चा सत्र में यह टिप्पणी की। सार्वजनिक उपक्रमों का स्थाई सम्मेलन यानी स्कोप केन्द्र सरकार के उपक्रमों का प्रतिनिधित्व करने वाला शीर्ष संगठन है। त्यागी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि नामित निदेशकों की भूमिका पर गौर करने की जरूरत है।
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नामित निदेशकों को आमतौर पर प्रवर्तकों और दूसरे प्रमुख शेयरधारकों द्वारा नियुक्त किया जाता है। सार्वजनिक उपक्रमों के मामले में इन कंपनियों के बोर्ड में सरकार की तरफ से निदेशकों को नामित किया जाता है।
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