नई दिल्ली। बाजार नियामक सेबी ने सनप्लांट बिजनेस के पूर्व निदेशकों गिरिजा शंकर कुमार तथा अवधेश कुमार सिंह से निवेशकों को उनका धन लौटाने को कहा है। सेबी के अनुसार यह धन अवैध रूप से जुटाया गया है। सेबी ने पाया कि कुमार व सिंह निवेशकों से धन जुटाने की गतिविधियों में शामिल हुए और कंपनी कानून के प्रावधानों का उल्लंघन किया। नियामक ने जून 2015 में अपने आदेश में कहा था कि सनप्लांट बिजनेस व इसके निदेशकों ने 2005-06 तथा 2007-08 के दौरान विमोचयी तरजीही शेयर जारी किए। इस प्रक्रिया में कंपनी कानून के तहत सार्वजनिक निर्गम संबंधी नियमों का पालन नहीं किया गया।
सेबी ने फर्म व इसके निदेशकों से निवेशकों को पैसा लौटाने को कहा था। हालांकि उस समय कुमार व सिंह के खिलाफ निर्देश नहीं दिया गया। सेबी ने आज कुमार व सिंह के खिलाफ आदेश पारित किया है। एक अन्य आदेश में सेबी ने अश्यूरे एग्रोटेक व इसके निदेशकों से कहा है कि वे निवेशकों को वह धन लौटाए जो अवैध निवेश योजनाओं के जरिए जुटाया गया। इसके साथ ही सेबी ने फर्म व इसके निदेशकों- सेनजन थनगापलम, शनमुगम राजेंद्रन, पी श्रवणन, वी वेंकटरामानुजम व आर देवदास को चार साल के लिए पूंजी बाजार से प्रतिबंधित कर दिया है।
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डालमिया सीमेंट ने लाफार्ज-होलसिम सौदे के खिलाफ अपील को वापस लिया
डालमिया सीमेंट ने प्रतिस्पर्धा न्यायाधीकरण के समक्ष लाफार्ज की संपत्ति हस्तांतरण के खिलाफ दायर याचिका वापस ले ली है। प्रतिस्पर्धा आयोग ने इस मामले को मंजूरी दी थी। इससे भारत में लाफार्ज तथा होलसिम के विलय का रास्ता साफ हो गया है। पिछले महीने प्रतिस्पर्धा अपीलीय न्यायाधिकरण ने डालमिया सीमेंट की अपील पर लाफार्ज की कुछ संपत्ति बेचने पर रोक लगा दी थी।
संशोधित खान एवं खनिज (विकास एवं नियमन) कानून के मद्देनजर डालमिया सीमेंट ने आज कहा कि वह न्यायाधिकरण के समक्ष दायर अपील वापस ले रही है। कंपनी ने कहा कि विभिन्न उद्योग संगठनों ने सरकार से कानून में संशोधन की मांग करते हुए कारोबार को जारी रखने के लिए कम-से-कम निजी उपयोग के मिले खनिज के हस्तांतरण की अनुमति हो।
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