A
Hindi News पैसा बिज़नेस Sebi ने दी सैंडबॉक्‍स की अनुमति, कंपनियां कर सकेंगी नए फ‍िनटेक उत्‍पादों का वास्‍तविक-वातावरण में नियंत्रित परीक्षण

Sebi ने दी सैंडबॉक्‍स की अनुमति, कंपनियां कर सकेंगी नए फ‍िनटेक उत्‍पादों का वास्‍तविक-वातावरण में नियंत्रित परीक्षण

सैंडबॉक्स का मकसद नए कारोबारी मॉडल और प्रौद्योगिकी के लिए परीक्षण आधार उपलब्ध कराना है, जिससे निवेशकों, भारतीय बाजार और कुल मिलाकर अर्थव्यवस्था को लाभ हो।

Sebi approves regulatory sandbox for live testing of new products by mkt players- India TV Paisa Sebi approves regulatory sandbox for live testing of new products by mkt players

नई दिल्‍ली। बाजार नियामक सेबी ने फिनटेक (वित्तीय प्रौद्योगिकी) के विकास में लगी कंपनियों को उनके नए उत्पादों, सेवाओं और कारोबारी मॉडल का चुनिंदा ग्राहकों के बीच वास्तविक परिस्थितियों में परीक्षण की अनुमति दे दी है। यह निर्णय वित्तीय उत्पाद प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवप्रवर्तन को प्रोत्साहित करने के लिए लिया गया है। यह निर्णय सोमवार को सेबी बोर्ड की बैठक में किया गया। नियामक ने कहा कि शुरू में सेबी के पास पंजीकृत इकाईयां ही इस सैंडबॉक्‍स (प्रायोगिक क्षेत्र) व्यवस्था में भाग लेने की पात्र होंगी।

नियामकीय सैंडबॉक्‍स व्यवस्था में कंपनियां नए उत्पादों, प्रक्रियाओं और कारोबारी मॉडलों का वास्तविक माहौल में सीधे परीक्षण कर सकती हैं। इसके लिए सीमित संख्या में पात्र ग्राहकों को जोड़ने की सुविधा होती है। यह परीक्षण सीमित अवधि के लिए होगा और इसमें कुछ नियमों और दिशा-निर्देशों के अनुपालन से ढील दी जाएगी।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के निदेशक मंडल की बैठक में नियामकीय सैंडबॉक्‍स के लिए विभिन्न क्षेत्रों में प्रयोग की अनुमति देने का निर्णय किया गया है। यानी नियमित इकाईयों को उन गतिविधियों के समाधानों के परीक्षण की भी अनुमति होगी, जिसके लिए वे पंजीकृत नहीं हैं। सेबी ने कहा कि इस प्रकार के परीक्षण के लिए सीमित पंजीकरण की मंजूरी दी जाएगी। बाद में नियामक द्वारा नियंत्रित नहीं होने वाले फिनटेक स्टार्टअप और अन्य इकाइयों को भी इसकी अनुमति दी जा सकती है। लेकिन मौजूदा निवेशक संरक्षण रूपरेखा, केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) और मनी लांड्रिंग निरोधक नियम से कोई छूट नहीं मिलेगी।

प्रस्तावित नियामकीय सैंडबॉक्‍स का मकसद नए कारोबारी मॉडल और प्रौद्योगिकी के लिए परीक्षण आधार उपलब्ध कराना है, जिससे निवेशकों, भारतीय बाजार और कुल मिलाकर अर्थव्यवस्था को लाभ हो। इस व्यवस्था में पात्र इकाइयों को वित्तीय प्रौद्योगिका का वास्तविक परिवेश में कुछ ग्राहकों के साथ प्रयोग की अनुमति होती है। साथ ही इसमें सुनिश्चित किया जाता है कि निवेशकों की सुरक्षा और जोखिम बचाव को लेकर जरूरी सुरक्षा उपाये किए गए हों।

Latest Business News