नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री पीपी चौधरी ने गड़बड़ी करने वाली कंपनियों को कठोर चेतावनी देते हुए कहा कि निवेशकों के हितों की कीमत पर कंपनी को स्वायत्तता नहीं दी जा सकती है। उन्होंने संकेत दिया कि मुखौटा कंपनियों की जांच से राजनीतिक दलों और व्यक्तियों के बारे में ‘कुछ बातें’ सामने आ सकती हैं। कॉरपोरेट मामलों के राज्य मंत्री चौधरी ने कहा कि सरकार कंपनियों के क्रियाकलाप में पारदर्शिता चाहती है। उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि कंपनियां मनी लौंड्रिंग एवं अन्य गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त न हों।
चौधरी ने कहा कि निष्क्रिय कंपनियों की वित्तीय जानकारियों तथा उनसे जुड़े निकायों का पता करने के लिए उनकी जांच कर जारी है।
उन्होंने कहा कि मैं सुनिश्वित हूं। निजी तौर पर मुझे लगता है कि जब हम खारिज की जा चुकी कंपनियों की जांच करेंगे, कुछ जानकारियां जरूर बाहर आएंगी। ये जानकारियां राजनीतिक दलों के बारे में हो सकती हैं, यह निजी लोगों के बारे में हो सकती हैं, यह लेकिन तय है कि ये जानकारियां उन लोगों से जुड़ी होंगी जिन्होंने लंबे समय तक देश में शासन किया है।
चौधरी ने कहा कि कंपनियों की स्वायत्तता बरकरार रखी जानी चाहिए लेकिन यह निवेशकों के हितों की कीमत पर नहीं। हम कंपनियों को कानून का पालन करने के लिए बाध्य कर रहे हैं। चौधरी ने मुखौटा कंपनियों को बचाये रखने का दोष पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील सरकार पर लगाते हुए कहा कि ये कई सालों की बीमारियां हैं और अब सरकार सिर्फ उन्हें सबके सामने ला रही है।
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