नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को संकटग्रस्त उद्योगपति और सहारा समूह के चेयरमैन सुब्रत रॉय को एक माह की पैरोल पर जेल से रिहा करने का आदेश दिया है। सुब्रत रॉय हो यह पैरोल उनकी मां छबि रॉय के निधन पर अंतिम संस्कार के लिए दी गई है। लंबी बीमारी के बाद छबि रॉय का निधन शुक्रवार को हो गया। वह 95 वर्ष की थीं और पिछले दो साल से गंभीर बीमारी से ग्रसित थीं।
इस दौरान सादे कपड़े में पुलिस वाले उनके साथ रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली के पुलिस कमिश्नर यह तय करेंगे कि कितने पुलिसकर्मी उनके साथ रहेंगे। कोर्ट ने कहा कि इस दौरान वह देश छोड़ कर नहीं जाएंगे और पुलिस कस्टडी में ही रहेगे। कोर्ट ने कहा कि वह लखनऊ, हरिद्वार और गंगा सागर अंतिम संस्कार और क्रिया के लिए जा सकते हैं। कोर्ट की स्पेशल बेंच ने सुनवाई करते हुए सुब्रत राय के साथ उनके बहनोई अशोक रॉय चौधरी को भी कस्टडी पैरोल दी है।
सुब्रत रॉय बाजार नियामक सेबी के साथ निवेशकों का पैसा लौटाने संबंधी लंबे विवाद के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 4 मार्च 2014 से तिहाड़ जेल में हैं। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल द्वारा सहारा की ओर से दायर पैरोल की याचिका पर मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने इसकी सुनवाई की। सहारा समूह के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि छबि रॉय सहारा इंडिया परिवार की पथ प्रदर्शक थी और उनका निधन रात 1.34 बजे हो गया। बयान में बताया गया है कि छबि रॉय का जन्म बिहार के अररिया जिले में हुआ था।
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