नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने जेनेटिकली मोडिफाइड (जीएम) सरसों की कॉमर्शियल खेती की अनुमति पर लगी रोक अगले आदेश तक बढ़ा दी है। दरअसल यह मसला आज सुनवाई के लिए नहीं आ सका था। कोर्ट ने सात अक्टूबर को जीएम सरसों की कॉमर्शियल खेती पर दस दिन की रोक लगाई थी।
कोर्ट ने कहा कि यह स्थगन आदेश अभी जारी रहेगा और वह इस मामले की सुनवाई अब 24 अक्तूबर को करेगा। न्यायालय ने पिछली तारीख में केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि वह जीएम सरसों की खेती की अनुमति देने से पहले लोगों के बीच रायशुमारी करे। वैसे सरकार ने अभी इस मामले में कोई फैसला नहीं किया है।
मामले की सुनवाई कर रहे प्रधान न्यायाधीश तीरथ सिंह, न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता की जगह उसके वकील को पेश होने का अनुरोध स्वीकार कर लिया है।
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सहमति दी थी कि 17 अक्तूबर तक जीएम सरसों की कॉमर्शियल खेती के बारे में कोई अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा था कि इस बारे में जनता से राय और सुझाव लिए जाएंगे और उन्हें आकलन समिति के सामने रखा जाएगा। इसके बाद ही इस पर कोई निर्णय किया जाएगा।
मेहता ने कहा था कि केंद्र सरकार को इस याचिका का जवाब देनाहै। उन्होंने इस आरोप को भी अस्वीकार कर दिया था कि जीएम सरसों की बुवाई समुचित जांच-परख के बगैर ही की जा रही है। दूसरी आरे, याचिकाकर्ता अरूणा रोड्रिग्स के वकील प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया था कि सरकार विभिन्न खेतों में इस बीच की बुवाई कर रही है।
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