नई दिल्ली। विभिन्न राज्य सरकारों के कानूनों के तहत अधिकृत वस्तुओं पर अलग प्रवेश कर की वैधता की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई है। इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश टी एस ठाकुर की अध्यक्षता वाली नौ न्यायाधीशों की संविधान पीठ कर रही है। हालांकि सरकार ने सुप्रीमकोर्ट से जीएसटी पास होने तक का इंतजार करने की मांग की है।
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मंगलवार को पीठ जैसे ही सुनवाई के लिए बैठी अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने गुहार की कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक के पारित होने तक इस मामले को रोक लिया जाए। इस मामले में जिस कर कानून को चुनौती दी गई है वह प्रस्तावित विधेयक में सम्मिलित हो जाएगा। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई जारी रखने का फैसला किया और कहा कि इसमें जटिल कर मुद्दे शामिल है।
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उल्लेखनीय है कि राज्य सरकारें, एक राज्य से दूसरे राज्य में वस्तु की आवाजाही पर प्रवेश शुल्क लगाती हैं। यह शुल्क उस राज्य द्वारा लगाया जाता है जिसे वस्तु या माल मिलता है। विभिन्न कंपनियों ने अनेक राज्यों के प्रवेश कर प्रावधानों को चुनौती दी है। इस मामले में कुछ कंपनियों का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे बहस की अगुवाई कर रहे हैं। वेदांता एल्युमिनियम, एस्सार स्टील, टाटा स्टील व अडानी इंटरप्राइजेज सहित अन्य कंपनियों तथा ओडि़शा सरकार द्वारा दाखिल मामलों की सुनवाई के दौरान इस मामले को वृहत पीठ के पास भेजने का फैसला किया गया था।
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