नई दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र के ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने शनिवार को कहा कि उसने अगस्त अंत तक अपने आवास ऋण पर प्रोसेसिंग या प्रसंस्करण शुल्क माफ करने का निर्णय किया है। बैंक के अनुसार वर्तमान में आवास ऋण पर प्रोसेसिंग शुल्क 0.40 प्रतिशत है। एसबीआई ने कहा कि आवास ऋण लेने वाले ग्राहक मानसून धमाका ऑफर के तहत लाभ प्राप्त कर सकते हैं। यह ऑफर हालांकि सीमित समय के लिए है।
बैंक ने कहा, ‘‘वर्तमान में एसबीआई के गृह ऋण के लिए ब्याज दर 6.70 प्रतिशत से शुरू होती है। इसलिए घर लेने का इससे बेहतर समय और कोई नहीं हो सकता। यह पेशकश 31 अगस्त तक के लिए है।’’ बैंक के खुदरा और डिजिटल बैंकिंग विभाग के प्रबंध निदेशक सी एस शेट्टी ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि प्रोसेसिंग शुल्क हटाने का निर्णय घर खरीदारों को आसानी से फैसला लेने के लिए प्रोत्साहित करेगा। क्योंकि ब्याज दर अपने ऐतिहासिक निचले स्तर पर है।’’
एसबीआई समेत छह बैंकों ने वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनी आईबीबीआईसी में हिस्सेदारी खरीदी
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) समेत छह बैंकों ने वित्तीय प्रौद्योगिकी मंच आईबीबीआईसी में हिस्सेदारी खरीदी है। एसबीआई के अलावा अन्य बैंक एक्सिस बैंक, इंडियन बैंक, यस बैंक, आईडीबीआई बैंक और आईसीआईसीआई बैंक हैं। इनमें एसबीआई, एक्सिस बैंक, इंडियन बैंक, यस बैंक और आईडीबीआई बैंक ने 5.55- 5.55 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी है। यह हिस्सेदारी 50,000-50,000 शेयर के बराबर है। इसके लिये 5-5 लाख रुपये का भुगतान किया गया है। बैंकों ने अल-अलग शेयर बाजारों को दी जानकारी में यह बताया।
इन बैंकों के अलावा आईसीआईसीआई बैंक ने 4.9 लाख रुपये में 5.44 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी है। इस साल मई में स्थापित, आईबीबीआईसी मंच भारतीय वित्तीय सेवा क्षेत्र को डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी (डीएलटी) समाधान प्रदान करता है। डीएलटी को आमतौर पर ब्लॉकचेन तकनीक के रूप में जाना जाता है। यह विकेन्द्रित डिजिटल डाटाबेस के सुरक्षित कामकाज की एक व्यवस्था है। यह क्रिप्टोग्राफी का उपयोग करके सुरक्षित रूप से जानकारी रखता है। बैंकों ने कहा कि आईबीबीआईसी में इक्विटी हिस्सेदारी का उद्देश्य वित्तीय सेवा क्षेत्र के लिए डीएलटी समाधान प्रदान करना है।
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