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Hindi News पैसा बिज़नेस महंगे ईंधन पर SBI ने कही सरकार से ये बात, लोगों को स्‍वास्‍थ्‍य और किराना खर्च में करनी पड़ रही है कटौती

महंगे ईंधन पर SBI ने कही सरकार से ये बात, लोगों को स्‍वास्‍थ्‍य और किराना खर्च में करनी पड़ रही है कटौती

एसबीआई कार्ड्स पर खर्च के विश्लेषण से पता चलता है कि ईंधन पर खर्च बढ़ोतरी को पूरा करने के लिए गैर-विवेकाधीन स्वास्थ्य पर खर्च में कटौती हो रही है।

Sbi says government People cutting spends on health, grocery as fuel prices bite- India TV Paisa Image Source : AP Sbi says government People cutting spends on health, grocery as fuel prices bite

नई दिल्‍ली। वाहन ईंधन पेट्रोल और डीजल (Petrol-Diesel) के दाम लगातार नई ऊंचाई पर पहुंचने के बीच लोगों को गैर-विवेकाधीन खर्च जैसे किराना, स्वास्थ्य और अन्य सुविधाओं पर अपने खर्च को मजबूरी में घटाना पड़ रहा है। देश के सबसे बड़े सार्वजनिक बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के अर्थशास्त्रियों ने यह बात कही है।

एसबीआई समूह के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष द्वारा लिखे गए नोट में कहा गया है कि सरकार को ईंधन पर करों में कटौती करनी चाहिए। देश के ज्यादातर महानगरों में पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर को पार कर गया है। डीजल का दाम भी शतक के करीब पहुंच गया है। हालांकि, देश के कुछ हिस्सों में डीजल 100 रुपये के आंकड़े को पार चुका है। एक अनुमान के अनुसार ईंधन पर प्रति लीटर 40 रुपये केंद्र और राज्यों को कर के रूप में जाते हैं।

घोष ने कहा कि अब जबकि उपभोक्ताओं को ईंधन पर अधिक खर्च करना पड़ रहा है, तो वे स्वास्थ्य पर खर्च घटा रहे हैं। एसबीआई कार्ड्स पर खर्च के विश्लेषण से पता चलता है कि ईंधन पर खर्च बढ़ोतरी को पूरा करने के लिए गैर-विवेकाधीन स्वास्थ्य पर खर्च में कटौती हो रही है।  उन्होंने कहा कि अन्य गैर-विवेकाधीन सामान जैसे किराना तथा विभिन्न उपयोगी सेवाओं पर खर्च में कमी आई है। इन उत्पादों की मांग में उल्लेखनीय कमी देखने को मिल रही है।

घोष ने आगाह किया कि ईधन पर ऊंचे खर्च का मुद्रास्फीति पर असर पड़ रहा है। जून में लगातार दूसरे महीने मुद्रास्फीति रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर से ऊपर रही है। उन्होंने कहा कि ईंधन की कीमतों में 10 प्रतिशत की वृद्धि से मुख्य उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति में आधा प्रतिशत की बढ़ोतरी होती है। नोट में कहा गया है कि करों को सुसंगत कर ईंधन कीमतों में तत्काल कटौती की जरूरत है। ऐसा नहीं होने पर गैर-विवेकाधीन उत्पादों पर उपभोक्ता खर्च घट रहा है। इस बीच, घोष ने कहा कि केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़ों के मुताबिक मई में मुख्य मुद्रास्फीति 6.30 प्रतिशत रही है। उस समय महामारी की वजह से देश के विभिन्न हिस्सों में स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन था। ऐसे में यह आंकड़ा असामान्य नजर आता है। 

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