नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई का स्टैंडअलोन शुद्ध मुनाफा मार्च 2021 को खत्म हुई तिमाही में 80 प्रतिशत बढ़कर 6,451 करोड़ रुपये हो गया। बैंक ने बताया कि डूबे हुए कर्ज में कमी के चलते उसका मुनाफा बढ़ा। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने शेयर बाजार को बताया कि 2019-20 की जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान उसका मुनाफा 3,581 करोड़ रुपये था। बैंक ने बताया कि बीते वित्त वर्ष की मार्च तिमाही के दौरान उसकी कुल आय बढ़कर 81,326.96 करोड़ रुपये हो गई, जो 2019-20 की समान अवधि में 76,027.51 करोड़ रुपये थी।
कंसोलिडेटेड आधार पर बैंक का शुद्ध लाभ पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 60 प्रतिशत बढ़कर 7,270.25 करोड़ रुपये रहा, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 4,557.49 करोड़ रुपये था। बैंक का कुल एनपीए (गैर-निष्पादित आस्तियां) 31 मार्च 2021 को कुल कर्ज के मुकाबले 4.98 प्रतिशत थी, जबकि 2020 की समान अवधि में यह 6.15 प्रतिशत था। इसी तरह शुद्ध एनपीए भी 31 मार्च 2021 को घटकर 1.50 प्रतिशत रह गया, जो इससे एक साल पहले की अवधि में 2.23 प्रतिशत था।
बैंक का स्टैंडअलोन लाभ वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान 41 प्रतिशत बढ़कर 20,110.17 करोड़ रुपये हो गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 14,488.11 करोड़ रुपये था। बैंक के निवेशकों के लिये बोर्ड ने 31 मार्च 2021 को समाप्त हुए वित्त वर्ष के लिए चार रुपये प्रति शेयर या अंकित मूल्य पर 400 प्रतिशत का लाभांश देने की सिफारिश की है। लाभांश का भुगतान 18 जून 2021 को होगा। स्टॉक मार्केट में आज एसबीआई के शेयर में खरीदारी देखने को मिली। शुक्रवार के कारोबार में स्टॉक 4.30 प्रतिशत की बढ़त के साथ 400 के स्तर के पार बंद हुआ है।
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