नई दिल्ली। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) का चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही का शुद्ध मुनाफा दोगुने से भी अधिक बढ़कर 2,610 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। एक साल पहले इसी तिमाही में बैंक का शुद्ध लाभ 1,115 करोड़ रुपए रहा था। बैड लोन के लिए कम प्रोवीजन करने की वजह से बैंक का मुनाफा 2015 मध्य के बाद पहली बार बढ़ा है। बैंक के नतीजों ने विश्लेषकों के अनुमानों को भी पीछे छोड़ दिया है।
- अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में बैंक का स्टैंडअलोन नेट प्रॉफिट, इसमें सब्सिडियरीज या सहयोगियों के योगदान को शामिल नहीं किया गया है, 134 प्रतिशत बढ़कर 2,610 करोड़ रुपए रहा।
- पिछले साल की समान तिमाही में यह 1,115 करोड़ रुपए था।
- थॉमसन रॉयटर्स के सर्वे में विश्लेषकों ने इस तिमाही में बैंक का मुनाफा 2,464 करोड़ रुपए रहने का अनुमान जताया था।
- दिसंबर अंत तक बैंक का ग्रॉस एनपीए मामूली बढ़त के साथ कुल लोन का 7.23 प्रतिशत हो गया, जो कि सितंबर अंत में 1.14 प्रतिशत था।
- एसबीआई ने तनावग्रस्त ऋण के लिए तीसरी तिमाही में 7,245 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।
- पिछले वित्त वर्ष में बैंक ने इस मद में 7,645 करोड़ रुपए का प्रावधान किया था।
- इसके अलावा एसबीआई का मुनाफा बढ़ाने में अन्य आय का बड़ा योगदान रहा, जो तीसरी तिमाही में 60 प्रतिशत बढ़कर 9,662 करोड़ रुपए रही।
- एसबीआई की शुद्ध ब्याज आय 8 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि के साथ 14,751 करोड़ रुपए रही, जो पिछले साल 13,697 करोड़ रुपए थी।
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