मुंबई। देश के सबसे बड़े वाणिज्यिक बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) का एकीकृत शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 77.8 फीसदी घटकर 1,046 करोड़ रुपए रहा। फंसे कर्जों में करीब दो गुना वृद्धि के कारण बैंक के लाभ पर असर हुआ है। पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में एसबीआई का एकीकृत शुद्ध लाभ 4,714 करोड़ रुपए था।
आलोच्य अवधि में बैंक की कुल आय बढ़कर 69,415 करोड़ रुपए रही, जो 2015-16 की इसी तिमाही में 63,164.5 करोड़ रुपए थी। फंसे कर्ज के एवज में आलोच्य तिमाही में किया गया पूंजी प्रावधान दोगुना होकर 6,340 करोड़ रुपए पर पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की इसी तिमाही में 3,358.58 करोड़ रुपए था।
बैंक की सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) 2016-17 की पहली तिमाही में कुल कर्ज का 6.49 फीसदी हो गई, जो एक वर्ष पूर्व इसी तिमाही में 4.29 फीसदी थी। एकल आधार पर बैंक का शुद्ध लाभ आलोच्य तिमाही में 32 फीसदी घटकर 2,520.9 करोड़ रुपए रहा, जो एक वर्ष पूर्व 2015-16 की जून तिमाही में 3,692.4 करोड़ रुपए था। एकल आधार पर बैंक की कुल आय आलोच्य तिमाही में बढ़कर 48,928.6 करोड़ रुपए रही, जो एक वर्ष पूर्व इसी तिमाही में 44,730.87 करोड़ रुपए थी।
मूल्य के हिसाब से एसबीआई का सकल एनपीए लगभग दोगुना होकर 1,01,541 करोड़ रुपए (6.49 फीसदी) रहा, जो 2015-16 की इसी तिमाही में 56,420.77 करोड़ रुपए (4.29 फीसदी) था। बैंक का शुद्ध एनपीए बढ़कर जून 2016 को समाप्त तिमाही में 57,420.98 करोड़ रुपए (4.05 फीसदी) रहा, जो इससे पूर्व वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 28,669.14 करोड़ रुपए (2.24 फीसदी) था।
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