मुंबई। भारतीय स्टेट बैंक को अपने यूरोपीय कारोबार में ज्यादा फायदा नहीं हो रहा है। नियामकीय अनुपालन लागत बढ़ने से उसका प्रतिफल कम हो रहा है। यही वजह है कि उसने पैरिस स्थित अपनी बैंक शाखा को प्रतिनिधि कार्यालय में परिवर्तित करने की योजना बनाई है।
स्टेट बैंक की चेयरपर्सन अरंधति भट्टाचार्य ने कहा कि पूंजी काफी महंगी है और इसकी कमी भी है इसे देखते हुए कामकाज के लिहाज से यूरोप काफी महंगा हो गया है। भट्टाचार्य ने संवाददाताओं से कहा, वर्तमान में हमारी पैरिस में एक शाखा है। हम इसे संभवत: पूर्ण शाखा के बजाय बैंक के प्रतिनिधि कार्यालय में बदलना चाहेंगे। वर्तमान में इस कार्यालय से हमारा प्रतिफल हमने अपने लिए जो बेंचमार्क तय किए हैं उसके अनुरूप नहीं है। हालांकि, उन्होंने कहा कि फ्रेंकफर्ट में बैंक का कामकाज अच्छा चल रहा है।
- स्टेट बैंक के दुनियाभर में 199 कार्यालय हैं। इनमें बैंक की पूर्ण शाखाएं हैं, प्रतिनिधि कार्यालय हैं और अनुषंगियां हैं।
- ये वैश्विक कार्यालय बैंक के कुल कारोबार में 16 से 17 प्रतिशत योगदान करते हैं जबकि उसके मुनाफे में इनका 25 प्रतिशत तक योगदान है।
- भट्टाचार्य ने कहा कि विदेशों में नियामकीय अनुपालन की लागत काफी ज्यादा है।
- इसलिए इस बारे में काफी सावधान रहने की जरूरत है कि बैंक कार्यालय कहां स्थापित कर रहा है।
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