नई दिल्ली। देश का सबसे बड़ा बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म योनो को अलग इकाई बनाने के बारे में सक्रियता के साथ विचार कर रहा है। बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि योनो यानी ‘यू ओनली नीड वन एप’ स्टेट बैंक का एकीकृत बैंकिंग प्लेटफॉर्म है। कुमार ने सालाना बैंकिंग और वित्त सम्मेलन सिबोस 2020 में कहा कि हम अपने सभी भागीदारों के साथ योनो को अलग अनुषंगी बनाने पर विचार-विमर्श कर रहे हैं।
सम्मेलन का आयोजन सोसायटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंसियल टेलीकम्युनिकेशंस (स्विफ्ट) ने किया। कुमार ने कहा कि योनो के अलग इकाई बन जाने के बाद स्टेट बैंक उसका इस्तेमाल करने वालों में एक होगा। उन्होंने कहा, हालांकि बातचीत अभी शुरुआती दौर में है, मूल्यांकन का काम अभी लंबित है। रजनीश कुमार ने हाल में कहा था कि योनो का मूल्यांकन 40 अरब डॉलर के आसपास हो सकता है।
कुमार ने स्पष्ट किया कि मैंने योनो के मूल्यांकन पर जो बयान दिया वह इस पर आधारित है कि जब मैं सभी स्टार्टअप के मूल्य पर गौर करता हूं और उसकी तुलना करता हूं तो ऐसे में निश्चित रूप से योनो का मूल्यांकन 40 अरब डॉलर से कम नहीं होना चाहिए। फिलहाल इस समय हमने इसके मूल्यांकन की कोई पहल नहीं की है, मेरा मानना है कि यह संभावना है।
योनो को तीन साल पहले शुरू किया गया था। इसके 2.60 करोड़ पंजीकृत यूजर्स हैं। इसमें रोजना 55 लाख लॉगइन होते हैं और 4,000 से अधिक व्यक्तिगत ऋण आवंटन और 16 हजार के करीब योनो कृषि एग्री गोल्ड लोन दिए जाते हैं। कुमार ने यह भी कहा कि स्टेट बैंक खुदरा भुगतान के लिए एक नई समग्र इकाई व्यवस्था के तहत अलग डिजिटल भुगतान कंपनी स्थापित करने पर भी विचार कर रहा है।
रिजर्व बैंक ने इस साल अगस्त में एक अखिल भारतीय खुदरा भुगतान इकाई की अनुमति के लिए नियम कायदे जारी किए थे। इसके लिए रिजर्व बैंक के पास आवेदन जमा कराने की अंतिम तिथि 26 फरवरी 2021 है। वर्तमान में देश में नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) एकमात्र खुदरा भुगतान इकाई है।
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