नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को क्लस्टर बम बनाने वाली कंपनियों में निवेश के लिए हॉल ऑफ शेम यानी बदनामों की सूची में शामिल किया गया है। कुल 158 बैंकिंग और वित्तीय संस्थानों ने क्लस्टर बम बनाने वाली कंपनियों में अरबों डॉलर का निवेश किया है।
इस सूची में एकमात्र भारतीय इकाई SBI है। सूची में वैश्विक दिग्गज कंपनियां मसलन जे पी मॉर्गन, बार्कलेज, बैंक ऑफ अमेरिका और क्रेडिट सुइस शामिल हैं। इन संस्थानों ने जून, 2012 से अप्रैल, 2016 के बीच क्लस्टर बम बनाने वाली सात कंपनियों में 28 अरब डॉलर का निवेश किया है। नीदरलैंड के अभियान समूह पैक्स की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। हालांकि, SBI ने कहा है कि उसने हमेशा कानून और नियमन के अनुरूप काम किया है और अमेरिका तथा भारत में इस तरह की वाणिज्यिक परियोजनाओं में वित्तपोषण पर कोई रोक नहीं है। वहीं पैक्स ने कहा कि इन क्लस्टर बम उत्पादकों में निवेश अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध के बावजूद किया गया।
अपनी 275 पृष्ठ की रिपोर्ट में पैक्स ने कहा कि क्लस्टर युद्धक सामग्री (सीसीएम) पर संधि में क्लस्टर जंगी सामान के इस्तेमाल, उत्पादन, भंडारण और स्थानांतरण पर रोक है। इस संधि पर 94 देशों ने 2008 में दस्तखत किए थे। यह संधि 1 अगस्त, 2010 से लागू हुई। इस सूची में ज्यादातर वे देश शामिल हैं जिन्होंने संधि पर दस्तखत नहीं किए हैं। SBI को इस सूची में अमेरिकी कंपनी आर्बिटल एटीके के वित्तपोषण के लिए शामिल किया गया है।
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