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HDFC, SBI, ICICI जैसे बैंक के ग्राहक सावधान! 1 अप्रैल से हो सकती है यह परेशानी

एचडीएफसी (HDFC) बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (SBI), आईसीआईसीआई (ICICI) बैंक के अगर आप ग्राहक है तो आपको 1 अप्रैल से ओटीपी हासिल करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।

HDFC, SBI, ICICI जैसे बैंक के ग्राहक सावधान! 1 अप्रैल से हो सकती है यह परेशानी- India TV Paisa Image Source : PTI HDFC, SBI, ICICI जैसे बैंक के ग्राहक सावधान! 1 अप्रैल से हो सकती है यह परेशानी

नई दिल्ली: एचडीएफसी (HDFC) बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (SBI), आईसीआईसीआई (ICICI) बैंक के अगर आप ग्राहक है तो आपको 1 अप्रैल से ओटीपी हासिल करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने शुक्रवार को 40 ऐसी चूक करने वाली यानी ‘डिफॉल्टर’ इकाइयों की सूची जारी की, जो थोक वाणिज्यिक संदेशों को लेकर नियामकीय नियमों को पूरा नहीं कर रही हैं। इन प्रमुख इकाइयों को इस बारे में कई बार बताया जा चुका है। इनमें एचडीएफसी बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई जैसे बैंक शामिल हैं। इस मुद्दे पर अपना रुख कड़ा करते हुए नियामक ने कहा है कि डिफॉल्ट करने वाली इकाइयों को इन नियमों को 31 मार्च, 2021 तक पूरा करना होगा। ऐसा नहीं होने पर एक अप्रैल, 2021 से उनका ग्राहकों के साथ संचार बाधित हो सकता है। 

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नियमों का पालन नही करने वाले बैंकों की लिस्ट

इस लिस्ट में SBI बैंक, HDFC बैंक, ICICI बैंक, IDBI बैंक, बंधन बैंक, एलआईसी, IDFC फर्स्ट बैंक, यूनियन बैंक, एक्सिस बैंक, एंजेल ब्रोकिंग, बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, फेडरल बैंक, फ्लिपकार्ट, डेल्हीवेरी,  बैंक ऑफ बड़ौदा शामिल है।

क्या है नया नियम जिसका बैंकों को पालन करना होगा?

ट्राई का बिजनस मेसेज (एसएमएस) के लिए नियम ‘ब्लॉकचैन प्रौद्योगिकी’ पर आधारित है। इसका मकसद अवांछित और धोखाधड़ी के इरादे से भेजे गये संदेशों पर लगाम लगाना है। नये नियम के तहत यह जरूरी है कि जो पात्र इकाइयां व्यासायिक संदेश भेज रही हैं, वे संदेश भेजने वाले, सॉफ्टवेयर आदि (मैसेज हेडर) तथा टेम्पलेट (पहले से तैयार संदेश) के बारे में दूरसंचार परिचालकों के पास पंजीकरण कराएं। जब बैंक, भुगतान कंपनियां या अन्य उपयोगकर्ता एसएमएस और ओटीपी भेजते हैं, उनकी जांच ब्लॉकचैन मंच पर पंजीकृत टेम्पलेट से की जाती है। इस प्रक्रिया को ‘एसएमएस स्क्रबिंग’ कहते हैं यानी संदेश उसी तरीके से व्यक्तियों को मिले जिसके लिये उसने निर्धारण कर रखा है। 

‘टेम्पलेट’ के पंजीकरण तथा अन्य विभिन्न प्रकार की जांच प्रक्रिया से संदेश भेजने वाले सही इकाइयों की पहचान तथा संदेश भेजने के मकसद का सत्यापन हो सकेगा। उल्लेखनीय है कि इस महीने की शुरुआत में एसएमएस और ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) भेजे जाने से संबद्ध बैंक, क्रेडिट कार्ड भुगतान और कुछ अन्य सेवाओं के मामले में समस्या उत्पन्न हुई। यह समस्या तब उत्पन्न हुई जब दूरसंचार कंपनियों ने ट्राई के नये नियम का क्रियान्वयन किया। इसका कारण मूल इकाइयों (थोक में और व्यावसायिक संदंश भेजने वाले) द्वारा इस दिशा में उपयुक्त कदम नहीं उठाया जाना था। 

इस प्रकार की बाधाओं को देखते हुए ट्राई ने ऐसी कंपनियों को अस्थायी तौर पर राहत दी लेकिन उन्हें नियमों के अनुपालन को लेकर तत्काल कदम उठाने को कहा। दूरसंचार नियामक ने पिछले शुक्रवार को 40 चूककर्ता मूल इकाइयों की सूची जारी की जिन्होंने थोक व्यावसायिक संदेशों को लेकर उसके नियमन को पूरा नहीं किया। इन इकाइयों में एचडीएफसी बैंक, भारतीय स्टेट बैंक और आईसीआईसीआई बैंक जैसी इकाइयां शामिल हैं। ट्राई ने इस मामले में अपना रुख कड़ा करते हुए चूक करने वाली इकाइयों को आगाह करते हुए कहा है कि वे नये नियमों के अनुपालन को लेकर 31 मार्च 2021, तक निर्धारित जरूरतों को पूरा करें ताकि एक अप्रैल, 2021 से ग्राहकों के साथ संवाद (एसएमएस के जरिये) को लेकर कोई समस्या उत्पन्न नहीं हो।

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