नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने अपने लगभग 42 करोड़ ग्राहकों धीरे से जोर का झटका दिया है। सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने सभी परिपक्वता अवधि के ऋण पर सीमांत लागत आधारित ब्याज दर (एमसीएलआर) में 0.05 प्रतिशत तक कटौती करने की शुक्रवार को घोषणा की। इसके साथ ही बैंक ने जमा रकम की ब्याज दरों में 0.15-0.75 तक की भारी कटौती की है। नई दरें 10 नवंबर 2019 से लागू होंगी।
स्टेट बैंक ने बयान में कहा कि इस कटौती के साथ एक साल के ऋण का एमसीएलआर कम होकर 8 प्रतिशत पर आ जाएगा। बैंक ने सावधि जमा पर भी अपनी ब्याज दरों में बदलाव किया है। उसने 1 साल से 2 साल तक की अवधि वाले खुदरा सावधि जमा पर ब्याज दर में 0.15 प्रतिशत की कटौती की है।
कर्ज लेना हुआ सस्ता
एसबीआई ने चालू वित्त वर्ष 2019-20 में लगातार सातवीं बार कर्ज पर ब्याज दर में कटौती है। जिससे ग्राहकों को सस्ते में लोन मिल सकेगा। वहीं, सभी परिपक्वता अवधि की थोक सावधि जमा के लिए ब्याज दरों में 0.30 से 0.75 प्रतिशत (30 से 75 बेसिस प्वाइंट) तक की कटौती की गई है।
इससे पहले अक्टूबर माह में भी एसबीआई ने एमसीएलआर और टर्म व बल्क डिपॉजिट पर मिलने वाले ब्याज दरों में बदलाव किया था। तब बैंक ने एक से दो साल की अवधि के रिटेल टर्म डिपॉजिट और बल्क टर्म डिपॉजिट पर मिलने वाले ब्याज में कमी की थी। एसबीआई ने एफडी पर ब्याज दर में 10 बेसिस प्वाइंट की कमी की थी। वहीं बल्क टर्म डिपॉजिट पर ब्याज दर में 30 बेसिस प्वाइंट की कमी की थी। इस टर्म डिपॉजिट की मियाद भी एक साल से दो साल तक की थी।
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