SBI के होम लोन बिजनेस ने किया 5 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार, 10 साल में पांच गुना बढ़ा कारोबार
बैंक ने वित्त वर्ष 2023-24 में सात लाख करोड़ की प्रबंधन अधीन परिसंपत्ति प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है।
नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने बुधवार को कहा कि उसका आवास ऋण कारोबार 5 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है। बैंक की रीयल एस्टेट और आवास कारोबार इकाई में पिछले 10 साल में पांच गुना वृद्धि हुई है। इकाई की प्रबंधन अधीन परिसंपत्ति 2011 में 89,000 करोड़ रुपये थी, जो 2021 में बढ़कर 5 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई।
एसबीआई के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा कि ‘यह उपलब्धि बैंक के प्रति ग्राहक के भरोसे को अभिव्यक्त करती है। हमारा मानना है कि मौजूदा हालात में प्रौद्योगिकी के साथ व्यक्ति के हिसाब से सेवाएं महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि बैंक आवास ऋण डिलिवरी को और बेहतर बनाने के लिए विभिन्न डिजिटल पहल पर काम कर रहा है। इसमें एकीकृत मंच खुदरा कर्ज प्रबंधन प्रणाली (आरएलएमएस) शामिल है। यह व्यवस्था हर प्रकार के डिजिटल समाधान उपलब्ध कराएगी।
बैंक ने वित्त वर्ष 2023-24 में सात लाख करोड़ की प्रबंधन अधीन परिसंपत्ति प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है। बैंक ने आवास ऋण कारोबार में 2004 में कदम रखा था। उस समय कुल पोर्टफोलियो 17,000 करोड़ रुपये था। अलग से रीयल एस्टेट और आवास कारोबार एक लाख करोड़ रुपये के पोर्टफोलियो के साथ 2012 में अस्तित्व में आया।
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बैंक ऑफ इंडिया का मुनाफा तीसरी तिमाही में पांच गुना बढ़ा
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ इंडिया ने बुधवार को बताया कि दिसंबर 2020 में खत्म हुई चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के दौरान उसका एकल शुद्ध लाभ पांच गुना बढ़कर 540.72 करोड़ रुपये हो गया। बैंक ने इससे एक साल पहले की समान अवधि में 105.52 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया था।
बैंक ऑफ इंडिया ने शेयर बाजार को बताया कि हालांकि इस दौरान उसकी कुल आय घटकर 12,310.92 करोड़ रुपये रह गई, जो इससे पिछले वर्ष की समान अवधि में 13,338.09 करोड़ रुपये थी। समेकित आधार पर बैंक का शुद्ध लाभ 610.37 करोड़ रुपये रहा, जो इससे पिछले वर्ष की समान अवधि के 138.20 करोड़ रुपये के मुकाबले लगभघ चार गुना है। इस दौरान बैंक की समेकित आय 13,430.53 करोड़ रुपये से घटकर 12,372.88 करोड़ रुपये रह गई। परिसंपत्ति के मोर्चे पर बैंक का एनपीए या खरब ऋण दिसंबर 2020 के अंत में कुल अग्रिम के मुकाबले घटकर 13.25 प्रतिशत रह गया, जो इससे एक साल पहले की समान अवधि में 16.30 प्रतिशत था।
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