नई दिल्ली। विश्व के 50 सबसे बड़े बैंकों में से एक और देश का सबसे बड़ा बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) अपने प्रमुख को जो वेतन देता है वह निजी क्षेत्र के ICICI बैंक या HDFC बैंक के प्रमुख को मिलने वाले वेतन के मुकाबले कुछ भी नहीं है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने पिछले साल अगस्त में कम वेतन के मुद्दे को उठाया था। उन्होंने कहा था कि इस वजह से सरकारी बैंक उच्च योग्यता रखने वाले लोगों को नौकरी नहीं दे पाते और उनमें शीर्ष स्तर पर सीधे नौकरी पाना भी मुश्किल होता है।
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विभिन्न बैंकों की सालाना रिपोर्ट के आकलन के अनुसार SBI की प्रमुख अरुंधति भट्टाचार्य को वित्त वर्ष 2016-17 में 28.96 लाख रुपए का वार्षिक वेतन मिला जबकि इसी अवधि में ICICI बैंक की प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंदा कोचर को 2.66 करोड़ रुपए का मूल वेतन मिला और अगले कुछ महीनों में उन्हें उनके प्रदर्शन का 2.2 करोड़ रुपए बोनस भी दिया जाएगा। इसके अलावा उन्हें भत्ते के तौर पर 2.43 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया और इस प्रकार उनका कुल वेतन 6.09 करोड़ रुपए रहा। HDFC बैंक के प्रबंध निदेशक आदित्य पुरी को 10 करोड़ का वेतन इस अवधि में मिला है और उनके पास 57 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य के शेयरों का विकल्प भी शामिल है।
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एक्सिस बैंक की प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी शिखा शर्मा को इस अवधि में 2.7 करोड़ रुपए का मूल वेतन, 1.35 करोड़ रुपए का वैरिएबल भुगतान और 90 लाख रुपए के अन्य भत्ते का भुगतान किया गया।
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