नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की देशव्यापी हड़ताल से विचलित हुए बिना एसबीआई प्रमुख अरुंधति भट्टाचार्य ने कहा कि पांच सहयोगी बैंकों व भारतीय महिला बैंक का स्टेट बैंक में विलय अगले साल मार्च तक हो जाना चाहिए। यहां एसबीआई की संपत्ति प्रबंधन पेशकश एसबीआई एक्सक्लूसिफ की शुरुआत के अवसर पर उन्होंने कहा, लोगों को यह समझना होगा कि बदलाव अपरिहार्य है। अनेक अवसरों पर हड़ताल हुई है लेकिन हमें उन्हें समझाना होगा और उन्हें राजी करना होगा।
उल्लेखनीय है कि एसबीआई के सहयोगी बैंकों के इसके पैतृक बैंक से विलय तथा कई अन्य मुद्दों को लेकर सार्वजनिक बैंक कर्मचारियों ने आज देशव्यापी हड़ताल रखी, जिससे लगभग 80,000 बैंक शाखाओं में कामकाज प्रभावित हुआ। प्रस्तावित विलय कब तक पूरा हो जाएगा यह पूछे जाने पर भट्टाचार्य ने कहा, समयसीमा तो वित्त वर्ष के अंत तक की ही है। विलय पूरा होने पर एशिया का सबसे बड़ा बैंक सामने आने की संभावना है, जिसका आस्ति आधार 37 लाख करोड़ रुपए से अधिक का होगा।
बैंक हड़ताल से 80,000 शाखाएं बंद, 15,000 करोड़ रुपए का कारोबार हो सकता है प्रभावित
उल्लेखनीय है कि एसबीआई के पांच सहयोगी बैंकों में स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर तथा स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद शामिल हैं।
सरकार के 7,575 करोड़ रुपए की पूंजी डालने से ऋण बढ़ेगा
हाल ही में सरकार द्वारा बैंक में 7,575 करोड़ रुपए की पूंजी डालने से ऋण वृद्धि में मदद मिलेगी। भारतीय स्टेट बैंक की चेयरमैन अरुंधति भट्टाचार्य ने कहा, यह पूंजी वृद्धि की ओर ले जाएगी। तो अब हम अर्थव्यवस्था को फिर से आगे बढ़ते हुए देख सकेंगे। यह पूंजी हमें और अधिक ऋण देने में सक्षम बनाएगी।
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