मुंबई। पांच सहयोगी बैंकों तथा भारतीय महिला बैंक के भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में विलय की लागत 25 करोड़ डॉलर या 1,660 करोड़ रुपए बैठेगी। रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर सर्विस ने कहा है कि इसका बैंक की वित्तीय साख पर बेहद मामूली असर होगा। इससे पहले इसी सप्ताह एसबीआई ने अपने पांच सहायक बैंकों तथा भारतीय महिला बैंक का खुद में विलय करने का प्रस्ताव किया था।
एसबीआई के सहयोगी बैंकों में स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर (एसबीजेजे), स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद (एसबीएच), स्टेट बैंक ऑफ मैसूर (एसबीएम), स्टेट बैंक ऑफ पटियाला (एसबीपी) तथा स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर (एसबीटी) शामिल हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस विलय से एसबीआई की साख पर असर नहीं होगा क्योंकि उसके पहले से ही एसबीएच तथा एसबीपी का पूर्ण स्वामित्व है तथा अन्य तीन सहयोगी बैंकों में अल्पांश हिस्सेदारी है। मौजूदा शेयर भाव के हिसाब से मूडीज का अनुमान है कि सहयोगी बैंकों में शेष शेयरों के अधिग्रहण की लागत 1,660 करोड़ रुपए बैठेगी।
अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 3-3.5 फीसदी रह सकता है: बोफा
अगले वित्त वर्ष के लिए सरकार का राजकोषीय घाटे का लक्ष्य सकल घरेलू उत्पाद के तीन फीसदी के बजाए 3-3.5 फीसदी के दायरे में रह सकता है। बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच (बोफा-एमएल) की रिपोर्ट के मुताबिक राजकोषीय जवाबदेही और बजट प्रबंधन अधिनियम की समीक्षा के लिए एक समिति का गठन स्वागत योग्य कदम है।
सरकार ने 17 मई को पूर्व राजस्व सचिव एनके सिंह की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है ताकि 12 साल पुराने एफआरबीएम अधिनियम के कामकाज की समीक्षा की जा सके। समिति तय लक्ष्य के बजाए राजकोषीय घाटे के दायरे की व्यवहार्यता को लेकर जांच करेगी। बोफा-एमएल ने एक शोध पत्र में कहा, वित्त वर्ष 2017-18 का राजकोषीय घाटे का लक्ष्य तीन फीसदी के बजाए 3-3.5 फीसदी रह सकता है।
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