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सस्ता होगा पेट्रोल? साउदी अरब ने भारत को दिया कीमतें घटाने का फॉर्मूला

साउदी अरब ने कच्चे तेल की कीमतें घटाने के लिए फॉर्मूला दिया है।

<p>Saudi Arab</p>- India TV Paisa Saudi Arab

नई दिल्ली। भारत में लगातार महंगे हो रहे पेट्रोल डीजल के बीच ओपेक देशों ने उत्पादन घटाने का फैसला किया है। जिससे कच्चे तेल के दाम में पिछले दो दिनों में 5 डॉलर की तेजी आ चुकी है। भारत में वैसे ही पेट्रोल 100 रुपये के करीब आ चुका है। वहीं आपेक देशों के इस कदम से भारत में एक बार फिर कीमतों का हाहाकार मचने की संभावना है। हालांकि भारत जैसे दूसरे देशों ने ओपेक देशों से उत्पादन न घटाने की मांग की थी। लेकिन इसे नजरअंदाज कर दिया गया। 

इस बीच साउदी अरब ने कच्चे तेल की कीमतें घटाने के लिए फॉर्मूला दिया है। साउदी अरब ने भारत से कहा है कि वह कच्चे तेल की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए पिछले साल कम कीमत में खरीदे गए कच्चे तेल का उपयोग कर सकता है। 

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पेट्रोलियम निर्यातक देशों (ओपेक) और उसके सहयोगियों का संगठन, जो ओपेक + के नाम से जाना जाता है। इस समूह ने अप्रैल में आपूर्ति में वृद्धि नहीं करने पर सहमति व्यक्त की है। इसके बाद से सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड शुक्रवार को लगभग 1 प्रतिशत बढ़कर 67.44 डॉलर प्रति बैरल हो गया। 
भारत के तेल मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने गुरुवार की ओपेक बैठक में उत्पादकों के समूह से आग्रह किया था कि वे स्थिर तेल कीमतों के अपने वादे को पूरा करने के लिए उत्पादन प्रतिबंधों में ढील दें।

भारत की दलीलों पर एक सवाल के जवाब में, सऊदी के ऊर्जा मंत्री प्रिंस अब्दुलअज़ीज़ बिन सलमान ने गुरुवार को ओपेक + के फैसले के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत सरकार को उस कच्चे माल के भंडार का उपयोग करना चाहिए, जो उन्होंने पिछले साल बहुत सस्ती दरों पर खरीदा था।

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भारत ने अप्रैल-मई, 2020 में 16.71 मिलियन बैरल क्रूड खरीदा था और आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम और कर्नाटक के मैंगलोर और पडूर में बनाए गए तीनों स्ट्रेटेजिक पेट्रोलियम रिज़र्व को भर दिया था। 21 सितंबर, 2020 को राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर के अनुसार, उस कच्चे खरीद की औसत लागत USD 19 प्रति बैरल थी।

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में पिछले 7 दिनों से कोई बदलाव नहीं हुआ है। तेल कंपनियों ने उत्तर प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों में चुनावों से पहले 2017 और 2018 के महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों में कीमतों में संशोधन नहीं किया था। पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, पांडिचेरी और असम में अगले कुछ हफ्तों में चुनाव होंगे।

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