नई दिल्ली। दुनिया में कच्चे तेल का सबसे बड़ा निर्यातक देश सऊदी अरब भारत में निजी क्षेत्र की प्रमुख पेट्रोलियम कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ मिलकर एक ऑयल रिफाइनरी और पेट्रोकेमीकल प्रोजेक्ट में संयुक्त निवेश के लिए बातचीत कर रहे हैं। सऊदी अरब के पेट्रोलियम मंत्री खालिद अल-फालिह ने यह जानकारी स्वयं दी है।
अल-फालिह हालही में रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख मुकेश अंबानी की बेटी के विवाह पूर्व समारोह में भाग लेने उदयपुर आए थे। उन्होंने वहां अंबानी के साथ मुलाकात में इस बारे में बातचीत की थी। इस मुलाकात के बारे में उन्होंने इस हफ्ते अरबी भाषा में ट्वीट पर कुछ जानकारिया साझा की है।
उन्होंने कहा कि हमने पेट्रोकेमीकल, ऑयल रिफाइनरी और दूरसंचार परियोजनाओं में संयुक्त निवेश के अवसरों की तलाश पर चर्चा की। उन्होंने अपनी और अंबानी की एक तस्वीर भी साझा की है। हालांकि इस बैठक के बारे में रिलायंस की ओर से कोई जानकारी नहीं साझा की गई है।
रिलायंस जामनगर में दो रिफाइनरी का संचालन कर रही है, जिनकी कुल खता 6.82 करोड़ टन सालाना है। उद्योग सूत्रों ने बताया कि रिलायंस की योजना अपनी ओनली-फॉर-एक्सपोर्ट एसईजेड रिफाइनिंग क्षमता को बढ़ाकर 4.1 करोड़ टन करने की है, जो फिलहाल 3.52 करोड़ टन है। उसकी देश में नई रिफाइनरी लगाने की कोई योजना नहीं है। वर्तमान में वह केवल अपने पेट्रोकेमीकल और टेलीकॉम बिजनेस के विस्तार पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
पेट्रोकेमीकल्स के निर्माण के लिए क्रूड ऑयल प्रमुख कच्चा माल है। वहीं दूसरी ओर सऊदी अरब दुनिया के सबसे तेजी से विकसित होते ईंधन बाजार में अपने कदम जमाना चाहता है। सऊदी अरैम्को, जो दुनिया की सबसे बड़ी तेल कंपनी है, और इसकी पार्टनर अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी ने महाराष्ट्र में प्रस्तावित 44 अरब डॉलर की लागत वाली रिफाइनरी में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी है।
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