रियाद। सऊदी अरब ने गुरुवार को तेल निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) और अन्य सहयोगी तेल उत्पादक देशों की अचानक से बैठक बुलायी है। कच्चे तेल को लेकर छिड़े मूल्य युद्ध के बीच दुनिया के प्रमुख तेल निर्यातक देश ने तेल बाजार को स्थिर करने के लिये यह बैठक बुलाई है। सऊदी प्रेस एजेंसी ने एक बयान के हवाले से कहा है, 'सऊदी अरब ने ओपेक और अन्य सहयोगी देशों की बैठक बुलायी है। इस बैठक का मकसद तेल बाजार को संतुलित करने के लिये निष्पक्ष समझौते पर पहुंचना है।' अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान के बीच फोन पर बातचीत के बाद यह बैठक बुलायी गयी है।
सऊदी अरब ने दोहराया कि उसने तेल उत्पादन में कटौती और 22 देशों का समर्थन हासिल करने को लेकर ओपेक और सहयोगी देशों के साथ समझौते की कोशिश की थी, लेकिन आम सहमति बनाने में विफल रहा। इससे पहले, सऊदी अरब ने इसके लिये रूस को दोषी ठहराया था और कहा था कि रूस ने अतिरिक्त उत्पादन में पहले से जारी 17 लाख बैरल प्रति दिन की कटौती के अलावा 15 लाख बैरल प्रति दिन की और कटौती पर सहमत होने से इनकार कर दिया था।
बाद में उसने कहा कि वह अप्रैल में कम-से-कम एक करोड़ बैरल प्रतिदिन तेल का निर्यात करेगा जिसे बढ़ाकर रिकार्ड 1.06 करोड़ बैरल प्रतिदिन तक किया जाएगा। इसका मकसद वैश्विक बाजारों में तेल की आपूर्ति बढ़ाना था। इस कीमत युद्ध के कारण तेल का भाव 18 साल के न्यूनतम स्तर तक चला गया था। इससे अमेरिकी शेल तेल उत्पादकों पर दबाव बढ़ा है। उनके लिये इस कीमत पर उत्पादन करना महंगा पड़ रहा था।
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