रियाद। कच्चे तेल के दामों में गिरावट के एक लंबे दौर के बीच सऊदी अरब के मंत्रिमंडल ने अगले डेढ़ दशक के लिए बहुप्रतीक्षित सुधार प्राथमिकताओं को मंजूरी दे दी है। तेल के धनी देश में उल्लेखनीय आर्थिक बदलाव का दौर शुरू करेगा। परियोजना मुख्य रूप से ओपेक के प्रमुख देश की कम लागत पर उत्पादित कच्चे तेल पर निर्भरता को कम करने की योजना का हिस्सा है। इसके तहत सऊदी अरब दुनिया की सबसे बड़ी तेल कंपनी में हिस्सा लेगा। इसके अलावा वह दुनिया का सबसे बड़ा सरकार का निवेश कोष स्थापित करेगा।
सऊदी अरब के शाह सलमान ने एक संक्षिप्त घोषणा में विजन 2030 को मंजूरी दी। अपने संबोधन में शाह ने सऊदी अरब के लोगों से इसकी सफलता के लिए मिलकर काम करने का आह्वान किया। इस बीच लंदन से प्राप्त एक रिपोर्ट के मुताबिक सऊदी अरब द्वारा तेल उत्पादन का मौजूदा स्तर बनाए रखने की संभावनाओं के बीच दिन के सौदों में वेस्ट टैक्सास इंटरमीडिएट कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट देखने को मिली। डब्ल्यूटीआई क्रूड 44 डॉलर प्रति बैरल के आसपास कारोबार कर रहा है।
ट्रेडिंग कंपनी एफएक्सटीएम के लकमैम ओटूनूगा ने कहा, तेल के दाम घूम रहे हैं। खबर फैली है कि सऊदी अरब तेल उत्पादन क्षेत्र का विस्तार कर सकता है। इससे सप्लाई बढ़ेगी और बाजार की समस्या और बढ़ जाएगी क्यों कि वहां पहले ही आपूर्ति मांग से अधिक है।
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