मुंबई। प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) ने रिलायंस इंडस्ट्रीज की याचिका को सुनवाई के लिए आज स्वीकार कर लिया है। रिलायंस ने यह याचिका पूंजी बाजार नियामक सेबी के एक आदेश के खिलाफ दायर की है। सेबी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज पर एक मामले में इक्विटी डेरिवेटिव बाजार में कारोबार करने से एक साल की रोक लगाई है।
मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज का कहना है कि उस पर से प्रतिबंध तुरंत हटाया जाना चाहिए ताकि वह म्यूचुअल फंड सहित पूंजी बाजार में अपनी अधिशेष राशि को निवेश कर सके। कंपनी के अधिवक्ता हरीश साल्वे ने अदालत से आग्रह किया कि कोई आदेश पारित होने तक कंपनी को कम से कम उसकी अधिशेष राशि का स्थापित म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने की अनुमति दी जानी चाहिए।
सैट ने रिलायंस इंडस्ट्रीज से कहा है कि वह सेबी को उन म्यूचुअल फंड की सूची सौंपे, जिनके जरिये वह शेयरों के वायदा एवं विकल्प कारोबार में निवेश करना चाहती है। उल्लेखनीय है कि 10 साल पुराने एक मामले में पूंजी बाजार नियामक सेबी ने 24 मार्च को रिलायंस इंडस्ट्रीज और 12 अन्य पर वायदा एवं विकल्प बाजार में सौदे करने से एक साल के लिए रोक लगा दी थी।
रिलायंस को अनुचित तरीके से हासिल 447 करोड़ रुपए की राशि और उस पर 29 नवंबर 2007 से 12 प्रतिशत सालाना दर से ब्याज सहित पूरी राशि लौटाने को कहा गया है। ब्याज सहित यह राशि कुल मिलाकर 1,000 करोड़ रुपए के आसपास पहुंच जाएगी। यह मामला रिलायंस की पूर्ववर्ती सूचीबद्ध कंपनी रिलायंस पेट्रोलियम लिमिटेड के शेयरों में कथित तौर पर धोखाधड़ी पूर्ण वायदा एवं विकल्प कारोबार से जुड़ा है।
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