नई दिल्ली। भारत के द्वारा मोबाइल उत्पादन में अग्रणी देश बनने की मुहिम को सफलता मिलने लगी है। इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक अग्रणी फोन निर्माता कंपनी सैमसंग अपने मोबाइल उत्पादन यूनिट का एक बड़ा हिस्सा भारत में लगा सकती है। सरकार ने मोबाइल फोन निर्माताओ को भारत में अपनी यूनिट स्थापित करने के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना (production linked incentive scheme) शुरू की है। सैमसंग ने भी इस योजना के तहत अपना आवेदन किया है।
सूत्र के आधार पर रिपोर्ट में कहा गया है कि सैमसंग भारत सरकार की इन्सेंटिव योजना के अंतर्गत भारत में मोबाइल का उत्पादन करने का मन बना रही है, इससे वियतनाम जैसे देशों में उत्पादन की क्षमता पर असर पड़ेगा। साउथ कोरिया की इलेक्ट्रॉनिक दिग्गज सैमसंग सरकार की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम के तहत अगले 5 साल में 3 लाख करोड़ रुपये मूल्य के उपकरण तैयार करेगी।
वियतनाम सैमसंग का चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा मैन्युफैक्चरिंग सेंटर है। अगर सैमसंग अपनी यूनिट का हिस्सा भारत शिफ्ट करती है तो न केवल इससे बड़े पैमाने पर रोजगार मिलेंगे साथ ही भारत आने वाले समय में इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स का निर्माण करने वाला हम सेंटर भी बन जाएगा। सरकार ने 1 अप्रैल को पीएलआई स्कीम का लॉन्च किया था जिसमें घरेलू मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स के लिए कई प्रोडक्शन इन्सेंटिव का ऐलान किया गया था। पहली अगस्त तक करीब 22 कंपनियां इस स्कीम के लिए आवेदन कर चुकी हैं। इसमें सैमसंग भी शामिल है।
सरकार ने अनुमान दिया है कि इस योजना में शामिल होने वाली कंपनियां आने वाले 5 साल में देश में ही करीब 11 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के उपकरणों का निर्माण करेंगी, जिसमें से 7 लाख करोड़ रुपये के उपकरण निर्यात किए जाएंगे।
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