नयी दिल्ली। बीते सवा साल से भारत कोरोना संकट से जूझ रहे हैं। भारत में 2 करोड़ 65 लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं। बीते साल मार्च से लोगों की आर्थिक स्थिति पर भी असर पड़ रहा है। लगातार लॉकडाउन के चलते आर्थिक गतिविधियां रुकी हैं। ऐसे में लोगों की कमाई भी घटी है। लोगों की इस बदलती आर्थिक स्थिति से खरीदारी के ट्रेंड में भी बदलाव हो रहा है। लोग सिर्फ जरूरत का सामान ज्यादा खरीद रहे हैं और लक्जरी आइटम की खरीद को टाल रहे हैं।
देश में कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रकोप के बीच खुदरा विक्रेताओं को स्वास्थ्य, स्वच्छता, खाद्य पदार्थों, व्यक्तिगत और घरेलू देखभाल जैसे उत्पादों की बिक्री में लगातार वृद्धि देखने को मिली है। वहीं सौंदर्य और सौंदर्य प्रसाधन, फैशन और परिधान जैसे उत्पादों की बिक्री इस दौरान प्रभावित हुई है।
आयुर्वेदिक प्रोडक्ट की ओर बढ़ा रुझान
स्वास्थ्य देखभाल से जुड़े उत्पादों के प्रति लोगों का ध्यान बढ़ा है जिसके कारण आयुर्वेदिक दंत मंजन और फलों के रस की मांग बढ़ी है। साथ ही पैक्ड और खाने को तैयार पोषाहार खाद्य पदार्थों जैसे उत्पादों की बिक्री में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
10 रुपये वाले पैकेट ज्यादा पसंद
इसके अलावा बिस्कुट, चटनी और जैम के पांच से दस रुपये वाले छोटे पैकेट की बिक्री में बीस प्रतिशत का उछाल देखा गया है। लॉकडाउन के दौरान लोगों में आय की चिंता बढ़ी है जिसके कारण बड़े और प्रीमियम उत्पादों की बिक्री प्रभावित हुई है। विक्रेताओं को पहले जनवरी से मार्च के बीच परिधान, फैशन और घरेलू देखभाल जैसे उत्पादों की बिक्री में तेजी की उम्मीद को देखते हुए खुदरा विक्रताओं ने मार्च में स्टॉक भर लिया था। अब उन्हें माल पड़े रहने की परेशानी आ रही है।
मेट्रो कैश एंड कैरी इंडिया के प्रबंध निदेशक (एमडी) एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अरविंद मेदिरत्ता ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘महंगे या अधिक मूल्य वाले उत्पादों और गैर जरुरी उत्पादों की बिक्री में कमी देखी गई है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘गैर-जरुरी उत्पादों की बिक्री घट गई है क्योंकि कोरोना संक्रमण के कारण लगाए गए लॉकडाउन में केवल जरुरी उत्पादों की बिक्री की अनुमति है। कोरोना प्रतिबंधों के कारण घर और फैशन श्रेणी के उत्पादों की बिक्री सबसे अधिक प्रभावित हुई है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास माल पूरा है लेकिन अब बिक्री का समय चला गया है। गर्मियों के आगमन के समय हम फैशन श्रेणी के उत्पादों की बिक्री में जो उम्मीद लगा रहा थे वो अब धूमिल हो गई है। बिग बाजार में रोजाना इस्तेमाल में आने वाले उत्पाद जैसे सब्जियां, दालों, दुग्ध उत्पाद और पकने के लिए तैयार उत्पाद जैसे डोसा, पास्ता, नूडल्स की अच्छी बिक्री हो रही है।"
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