नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल केंद्रीय कमिर्यों के वेतन-भत्तों और पेंशन मानों में संशोधन के लिए सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को कुछ और बढ़त के साथ आज मंजूरी दे सकता है। आयोग ने मूल वेतन में करीब 15 फीसदी बढ़ोतरी की सिफारिश की है। आयोग की सिफारिशों में प्रस्तावित भत्तों को भी जोड़ा जाए तो सिफारिशों के अनुसार वेतन में 23.55 फीसदी की बढ़ोतरी होगी। इसके लागू होने से कुल एक करोड़ से अधिक कर्मचारियों और पेंशनधारकों को फायदा होगा।
वेतन आयोग की सिफारिशें पिछले साल नवंबर में आ गई थीं। इनमें मूल वेतन में 14.27 फीसदी तक की बढ़ोतरी की सिफारिश की है। यह बढ़ोतरी पिछले 70 साल में आयोगों की सिफारिशों में सबसे कम बताई जा रही है। छठे वेतन आयोग ने 20 फीसदी बढ़ोतरी की सिफारिश की। 2008 में इसे लागू करते समय सरकार ने दोगुनी बढ़ोतरी कर दी थी। आयोग की सिफारिशों सरकार मंजूर कर लेती है तो कर्मचारियों की सैलरी में (प्रस्तावित भत्तों को भी जोड़ा जाए तो) 23.55 फीसदी का इजाफा होगा।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, इस साल राजकोषीय तंगी को ध्यान में रखते हुए सरकार वेतन आयोग की सिफारिश के मुकाबले मूल वेतन को 18 फीसदी या अधिक से अधिक 20 फीसदी तक कर सकती है। 7वें वेतन आयोग की रिपोर्ट इस साल एक जनवरी से प्रभावी होगी। जनवरी के बाद के बकाए के भुगतान के तौर तरीके पर भी मंत्रिमंडल में निर्णय किया जा सकता है। मंत्रिमंडल सचिव पी के सिन्हा की अध्यक्षता वाली सचिवों की समिति ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिश की समीक्षा के बाद अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। बताया गया है कि समिति ने सिफारिशों का समर्थन किया है और इसकी रिपोर्ट को मंत्रिमंडल के सामने प्रस्तुत किए जाने वाले नोट का रूप दिया जा रहा है। केंद्र सरकार के निर्णय से उसके करीब 50 लाख कर्मचारियों और 58 लाख पेंशनरों को फायदा होगा।
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