नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी इस्पात कंपनी स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) ने आज कहा कि उसके 1,038 कर्मचारियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति यानी वीआरएस लेने के लिए आवेदन किया है। इससे कंपनी पर एकबारगी 213 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा।
कंपनी ने बंबई शेयर बाजार को भेजी सूचना में कहा है कि उत्पादकता बढ़ाने, श्रमबल रूपरेखा में सुधार, श्रमबल को तर्कसंगत बनाने तथा श्रमबल की लागत को महत्तम बनाने के लिए एक मई से 30 जून, 2016 तक के लिए वीआरएस की पेशकश की गई थी। यह पेशकश सभी इकाइयों और संयंत्रों के कर्मचारियों के लिए थी।
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कंपनी ने कहा कि कुल 1,038 कर्मचारियों की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति को स्वीकार किया गया है। इससे कंपनी पर एकमुश्त 213 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा। साथ ही कंपनी को सालाना 103.80 करोड़ रुपए की बचत होगी। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी के देशभर में फैले 10 संयंत्रों में कार्यरत कर्मचारियों की संख्या 86,000 है। महारत्न कंपनी सस्ते आयात की वजह से कठिन घरेलू बाजार परिस्थितियों के बीच अपनी परिचालन लागत को घटाकर नुकसान को कम करने का प्रयास कर रही है। सेल को 30 मार्च, 2016 को समाप्त तिमाही के दौरान 1,230.93 करोड़ रुपए का एकल शुद्ध नुकसान हुआ है। एक साल पहले समान अवधि में कंपनी ने 334.22 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया था।
सुस्त मांग के बावजूद सेल की घरेलू बिक्री 10 लाख टन के पार
सेल की जुलाई में बिक्री योग्य इस्पात की घरेलू बिक्री साढ़े आठ फीसदी बढ़कर 10 लाख टन को पार कर गई। मानसून के चलते सुस्त मांग के बावजूद कंपनी की घरेलू बिक्री 10 लाख टन को पार कर गई। यह पिछले साल की इसी अवधि से साढ़े आठ गुना अधिक है। कंपनी ने कहा कि वर्तमान वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कंपनी की शुरुआत काफी अच्छी रही है। पिछले वर्ष की जुलाई की तुलना में इस साल निर्यात समेत हमारी कुल बिक्री में 15 फीसदी का इजाफा हुआ है।
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